सुख करता दुख हरता वरता विघनाची
नुर्वी पुर्वी प्रेम कुरुपा जयाची
सरवांगे सुन्दर उठिशिन दुराची
खंठी जड़के माल मुक्ता वराची
जैदेव जैदेव
जैदेव जैदेव जैमंगल मुर्ति
श्री मंगल मुर्ति
दर्शन मा प्रेमन का मना पुर्ति
जैदेव जैदेव
जैदेव जैदेव
रद नाखा चितफरा तुझा वरी कुमरा
चंदनाची मुटी खुंकुं किशला
हीरे जड़ित मुकट शोभा तो बरा, रुंजुंती वो पूरे चरने घादरिया, जैदेव, जैदेव
जैदेव, जैदेव, जैमंगल मुर्ती, श्रीमंगल मुर्ती, दर्शन मा फ्रेमन कामना पुर्ती, जैदेव, जैदेव
जैदेव, जैदेव, जैदेव, जैदेव
जैदेव, जैदेव, जैमंगल मुर्ती, श्रीमंगल मुर्ती, दर्शन मा फ्रेमन कामना पुर्ती, जैदेव, जैदेव
रेमन कामना पुर्ती जैदेव जैदेव
शिन्दुर्णान छड़ायो अच्छा गजमुख को
दंदिल लाल विराजे सुत्गोरी हर को
हाथ लिये गुर्लतू साई सुर्वर को
महिमा कहना जाये गागत होपत को
जैदेव जैदेव
जैजै श्रीगर राज वित्या सुख दाता
धन्य तुम्हारो धर्शन मेरा मन रुमता
जैदेव जैदेव जैदेव जैदेव
अश्टो सिद्धी दासी संकट को गैरी
विग्न विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटे सूरज प्रकाश एवी छब तेरी
गंड स्थल मदमस्तक जूने शश बिहारी
जैदेव जैदेव जैजै श्रीगर राज वित्या सुख दाता
धन्य तुम्हारो धर्शन मेरा मन रुमता
जैदेव जैदेव
भाम भागत से कोई शर्णागत आवे
संतत संपत सब ही भर पूरे पावे
ऐसे तुम महराज मोखो अधिभावे
दो सावी नन्धन निश्दिन गुलगावे
जैदेव जैदेव जैदेव जैदेव जैदेव