बाबा याँ
बाबा याँ
श्वरग से लोट यभोरी की आया
मोजरी माता से फर्माया
पितरन के पिंडदान देवै कासी के दर्म्या
पितरन के पिंडदान देवै कासी के दर्म्या
पितरन के पिंडदान देवै कासी के दर्म्या
पितरन के पिंडदान देवै कासी के दर्म्या
अब मती जाए बभुआ
आखोई नई खेहित वातो आब मती जाए बभुआ
तजेने जेने गैलें तोहार बाबु काटा बोलें अमान बेटा बतिया हमारे
माई समझवत बेटा कासी के नगरी में मत इजा ज़रिये बलियां बerie शंगम पर पिरणा दान देलां लेकिन
बेटावा हमारोलनाबा अब होंरी घोड मांगरके ले लेवा कासी के नगरी के तैयारी कैदे लेवा अजब चाहिए
वो समय कबात मिलल का? तै यहाँ एक लाइन तरज दिहल गेल। कवन तरज के लाइन बा मास्टर।
वो है तरज के लाइन बा की जोली भर दे। जोली भर दे मेरी या मुहमद।
लोट कर मैं न जाऊंगा खाली। मगर गाना के भाव दिहल गेल।
कि जबकी कासी में आया यभोरी की। पुजा कर ताले शुमनों की डाली।
जबकी कासी में आया यभोरी की।
लोट कर मैं न जाऊंगा खाली। मगर गाना के भाव दिहल गेल।
कि जबकी कासी में आया यभोरी की। पुजा कर ताले शुमनों की डाली।
कि जबकी कासी में आया यभोरी की। पुजा कर ताले शुमनों की डाली।
कि बोलो बाबा तु विश्वनाथ बोलो तेरे दर्शे न जाऊंगा खाली
बोलो बाबा तु विश्वनाथ बोलो तेरे न जाऊंगा खाली
भोरो बाबा तु विश्वनाथ बोलो जिया भाईया जिया
बोलो बाबा तु विश्वनाथ बोलो जिया भाईया जिया
बोलो बाबा तु विश्वनाथ बोलो जिया भाईया जिया
बोलो बाबा तु विश्वनाथ बोलो जिया भाईया जिया
। सुमन से पूजा करके यही बीर कहने लगा, खुशी चहुओ रहसे हस समीर बहने, छटा कासी का देखिया भोरी खर सारी, सुजनागळ की सुगनी मंदिर में आई हो।
कही करजोर बाबा कैसे कैनुराग मिली, आज बताना होगा कभ मेरा सुहाग मिली।
एहवर यभोरिक रोज बाबा विश्वनाद के मंदिर में पूजा सांसवेरे करतवा, आई हवर सुजनागळ के सुजापत राजा कविटिया जेकर नाम सुगनीवा।
रोज उडणा खटोला से आवे, कासी के नगरी में बाबा विश्वनाद के मंदिर में पूजा कई, के उडणा खटोला पभइठे अपने सुजापत राजा के हाँ सुजनागळ में चल जाए।
आज याके सुगनी बाबु बाबा विश्वनात के मंदिर में जीत के देलेवे, कहलेवे कि ए बाबा, ए तरे आखिर तुहार हम पूजा के तना दिन तक करव।
तेरा कासी में आया है साजन, वही सिन्दुर तेरे मांग डाली।
आज याके सुगनी बाबु बाबु बाबा विश्वनात के मंदिर में जीत के देलेवे, कहलेवे कि ए तरे आखिर तुहार हम पूजा के तना दिन तक करव।
तेरा कासी में आया है साजन, वही सिन्दुर तेरे मांग डाली।
तेरा कासी में आया है साजन, वही सिन्दुर तेरे मांग डाली।
तेरा कासी में आया है साजन, वही सिन्दुर तेरे मांग डाली।
तेरा कासी में आया है साजन, वही सिन्दुर तेरे मांग डाली।
तेरा कासी में आया है साजन, वही सिन्दुर तेरे मांग डाली।
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
हम तुभानावा मज़ैबे यही तीरावा
तब जंगा माची गईले हो आरे जंगा माची गईले गांगा के कच्छारियाना
जंगा माची गईले हो जंगा माची गईले गांगा के कच्छारियाना
नतीजा इनिकलल की काशिमल राजा पराजित हो गईलन् आ जब काशिमल राजा पराजित हो गईलन् तै वो चिठी सुझाना गढके लिखलन सुझापत राजा के हाँ
कि सुजापत राजा के मालूम कि एक ठैहिरे का लैका आईल बा बोहा से, हरवले बा लोहा में, आधखेल देले बा खोहा में।
ए बाबुजी जब सुजापत राजा सुनलन तर सोचल लगलन, सोचल लगलन कि ए भाई तनि चल के पहले वो लैका के हम देख तली कि वो लैका बा कैशन।
आपन घोड मांगर के बनले बा भोरिका, आ धीरे धीरे काशिमे, सुजापत राजा आईलन हा घोडी के लेके, घोड मांगर देखलस तर लागल हननाई, डाँट के कहले बा भोरिका के ए वो राजा, देखत ना हुआ।
अरे बापरे बाप, यहाँ हम घोडा बनले बा नी, हमरा घोडवा के लगवान तु घोडी लेके आवत हुआ।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाप बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली चारो तरफ, हमरा सुगनी जोगबारे न मिलल।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाप बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली चारो तरफ, हमरा सुगनी जोगबारे मिलल।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाप बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाप बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाप बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन तचि हा गईलन, सोचे लगलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
सुजापत राजा जब देखलन कि बाँ, एतना दिन से नावु पण्डित हम सारे भेजत रहली।
मगर बाबू सुगायाई नाबा, यह वर्तनी बातनी देखला सुजापत राजा कैले कारहलान।
कि सुजानागळ नगरिया के राजा साजवावे भैया।
कि सुजानागळ नगरिया के राजा साजवावे भैया।
आय भोरिक्ष सुगनिके साधिराचवाया।
तब सुगनिके साधिराचवाया।
तब सुगनिके साधिराचवाया।
तब सुगनिके साधिराचवाया।
बनाये क्लई सुगनिये भैया।
बनाये क्लई सुगनिये भैया।
तोरळपत्र कलिषाँ सव अम्यम्देलाडगराया।
यह भोरिक्ष सुगनिके साधिराचवाया।
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॥ ॥ ॥ ॥ contradictions preparations
जब तोरे तने विचारवातर तोके जरूर दुलहिन बनाईगे, पतोहि बनाईगे, लेकिन पिंडादान देके हैं तब, बाबुजी देखें वही अभोरिक पिंडादान देकर के आया है, आकर के सुगनी से साधी किया, तब लेकर के घर आया, गाने का अन्तिम प्रमाण था
कि जै जखाल गुरु जद्दू राधे, कि लहरे फुलवारी, सिरी नरायन गंगा सागर, मितवायवद बिहारी, अरे रङादा मरब संती चुनरी, जन्दा सिरी नरायन ओम प्रकास लहरादा, रङादा मरब संती चुनरी
अरे भाईया धानी धानी देशवाहमा
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