परवारतारी
परवारतारी
सुबह उड़ ते
खात पाणी
तन करके कोण नहावावेगा
आथ बजे सी
बना रसोई
तन पोजन कोण घवावेगा
आथ बजे सी बना रसोई तन पोजन कोण घवावेगा
साथ तिरा मेरा बलमियो मरे बाद भी रहना से
कियोया जैयो टेम याखरी यास देयास दे सेनास
रे जिस बड़ देखे मैं दीखू मन किस किस बड़ तू पोवेगा
मन बेरा तू कर प्यार गणा रातान बैठ के रोवेगा
तन आवे कले सांस नहीं तेरी लग कोण या आँख सही
तू क्यों कर सुने दिला से रहना लग कोई बात सही
कोण मेरे बाद गणा वेगा तन बैठ केनें समझावेगा
उरखास वास नहीं हुंदा कोई खान जमान आवेगा
सुबह उठ पे अकात
बाईनी तन
करके कोण नहावावेगा
जैसी
बना रसोरी
तन
भोजन कोण खावावेगा