तुखा का भूला शाम को गर्लोग के घर आ जाएभूला कही यो ना उचे वो भूला ना कहलाएवो भूला ना कहलाएतुखा का भूलाअच्छ कड़वा है इस दुनिया में जूत का रूप सुहानाजूत का रूप सुहानाधोके में आ जानेवाला दुख का बने निशानाआती कल की आती कल की खोचे और जो बीची कल बिचराएभूला कही यो ना उचे वो भूला ना कहलाएवो भूला ना कहलाएतुखा का भूलादुनिया के रंगों में खोबेबड़े बड़े गुन्माबनते देखा कभी कभी इन्चान्को भी शैतानशैतान अगर शैतानी पर जो रो रोगे पछटाएभूला कहियो ना उसे, वो भूला ना कहलाए, वो भूला ना कहलाए, वो सुभा का भूला चाम को, गर लोग के घर आजाए।भूला कहियो ना उसे, वो भूला ना कहलाए, वो भूला ना कहलाए, वो सुभा का भूला।भूला कहियो ना कहलाए, वो भूला ना कहलाए, वो सुभा का भूला।