Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
ओम् स्री कृष्णपरब्रम्भनेन नमः
भक्तमहाशेलकु
डौक्टर गजल्सीन्वास नमस्सलु
स्री कृष्णपरमாत्मुनि आसीष्ट्सुलतो
स्री व्यदव्यासुलवारु प्रसाधिंचिन
सरवा मानवाली की मार्गदर्शनन् चेसे स्रीमद
भगवतगेतनु गानन् चययडम् आ दयव कृपगा भाविसतानु
भगवत् गेत गानन् चययडन् लु ना कु सहकरिंचिन समस्कुत भाश पंडितुलु
पललकु गुणडगुणडगु कंडकंड अंतरलकु चयचल अनन् नदि ना आशयं
सरवागवद गेत तातपरिय सहितम तातपरिय रचन
परमपुज्य सवामने शरदा परियानंद चनमय मसिन
गानम स्वरकलપन ड्र गजल स्रिन्वास
ओम सी कषण परबरमभणे नमह
नमस्तु ते वयास विशाल बुध्धे
फुलला रविन्दायत पतर नेतर
यनत्वया भारत तैल पूर्णहर परज्ञानमय परदेपहर
परपन्न पारिजाताय तोतर वयत्र एक पाणय
ञानमुदराय करषणाय गीता मरुत दुहे नमह
ओम् स्री करिषन परब्रमहणे नमह
स्री मद् भगवद गीताय
अथ एक आद सोध्याय हय
विश्व रूप संधरषण योगहय
अर्जुनुड अननाडु
ना मेधि अनुग्रहंतु
नீवु चप्पिन परम रहस्चमेन
अध्यात्म ज्ञानम् वलल ना भरांती तलगि पोयिंदे
भवाप्य योहि भूतानाम् शुरुतो विसतर शूमय
त्वत्त कमल पत्राक्षर् महात्म्यम पेचाव्ययम्
परमेश्वरा,
निन्नु गुरिञ्ची नீवु चप्पिंदी पूर्तिगा नजम्,
पुरुशोत्तमा,
गुपदयन नீ रूपान्ने चुड गोरुतनानु.
मन्यसे एधि तचच्चक्यम् मया धरसटु मति प्रभु,
प्रभु,
ना वलल चुडाडालके शक्यम ओतन्दने तलिसते,
ना कनि अवययमायन रूपाने चूपिट्टु.
सरी भगवानु वाचय,
पस्यमे पारत्थ रूपाने
चयत सोत सहसरष,
नाना विधाने दिव्याने,
नाना वरना करुतेने चय.
नீ कळलतु ननु चुडलेवु,
नீकु दिव्य दुरषटुने इसतानु,
ना योग समદनु परिकिंचु.
दिव्यमैन पोलमाललु, वसटरालु धरिञ्चि,
दिव्यमैन गनधालं अनुलेपनं कलिगि,
आचरियमयमयमयन,
अरनतमययन,
वसवतोमुखमययन,
परकासिञ्चि,
वसवरूपन् चुपयटु.
आकासल्लु ऒकसारिग,
वेयि सुरीलु उदईसते यरટे कांति,
आमहातमनी तेजसस्कु सटिरागलतु.
अर्जुनुडु,
अप्पुडु अनेक विवजनलतो कूडि उनन यवत्तु जगतुनी,
आदेवदेवुनी शरीरलु ऒके चोटचुषयद
ततससविस्मयाविष्टह,
खुषटरूमा धनन्जयह,
परणम्य शिरसादेवं,
कुरुतांजलिरभाशत
दाने तो विस्मयन्लो मुणगि,
गगुरु पाटु पुन्धिन अरुजुनुडु,
अदेवुणक्कि सरस्सु वन्चि,
नमस்करिंचि,
अञजलि घटिंचि,
इला अणाडु.
अनेक बाहुवुलु,
उदरालु,
मुखालु,
नेतरालतो कुडिन,
नீ अनंत रूपान्ने सरवत्रा चुसतनानु.
त्वमक्षरम् परमम् वेधितव्यம्
त्वमस्य विस्वस्यपरन्निधानं
नீवु नशरहितुडवि, अन्यंटि कणा अधिकुडवि,
तिलसको बडवलसिनवाडवि, परपञ्चनिधिवि,
साश्वतबयि�
अनाधि मध्यान्तम अनन्त विर्यम्
अनन्त बाहुम् शसि सूर्य नेत్रम्
पस्यामित्वाम् दिप्त हुताश वकतरम्
आधि मध्यान्तलु लेक अमितमयिन शक्ति तु अरंतमयिन
बाहुल तु सूर्य चन्दుळे नितरालु गा मण्डुतंन अगनव
दियावा परतिवयो रिदमनतरमहि विआपतमत्वययकेन दिशसचचरवाह
महातमा,
दिवि नुंडि भुविवरकु मजयलो उनन बरमहाणडमयवत्तु,
अमिहतवाम सुरसङगवि शनति,
केचिदभिताह पराञजलयऊ गुरनती,
इदेवसङगालु नீ लोके परवसिसतंनाये,
कनदरु भयंतो अञजलि गटिसतंनாरु,
रुद्राधित्या वसवु एचसाध्याः,
विश्वेश्विनवु मरुतस्चोष्मपास्च,
गनधर्वयक्षासुर सिध्धसंगाहर्,
रुद्रुलु,
आधिच्चुलु,
वसुलु,
साध्जुलु,
विश्वेधेवतलु,
अस्विनुलु,
मरुप्तुलु,
पितरलु,
गनधर्वयक्षासुर स
रूपम् महत्ते बहु वकत्र नेतरम्
महा बाहो बहु बाहु रुपाधम्
बहु दरम् बहु दंसठकरालम्
ओ महा बहु अनेकमईन मुखालतु नेतरालतु बहुवलतु
ऊरुवलतु उदरालतु भयिंकरमईन क्वरलतो उनने न
ओ महा बहु अनेकमईन मुखालतु नेतాलतु बहहवलतु
ऊरुवलतु उदरालतु भयिंकरमईन क्वरलतो उन२े ��
ओ विश्णु आकासा नंटुतु पलु रङ्गुलतो परकाशिसतु
तिरचकरि उन्न नूटितु परजवलिसतु नविशाल न��
निनु चूचि पदयम् भयपटुतो इन्दि धहरियं गाणे शांति गाणे चिकडल लिदु
ओदेवेशा,
जगनाधा,
भयंकरमयन कोरलतு,
परलैय कालाग்मललागा उणने नोळड् चूचि,
दिक्कलु तवचरन् लिदु, स्थिमतललिकंड उणनो.
कनदरु,
नீ पळलसंदललो इरुकिने,
सोरणमु आयिपोयिन तललतो कनबडतंनार।
अलागि,
इस्याणलु,
अति वयगं तु नशन् कोसमे,
नீ नोळललो के परविशिसतंनाय।
मण्डु तुणने, नोळलतो, पराणुल अन्दरने,
अन्नी परकलनुचे, मरिङुतु, चपपरिसतंनार।
उग्ररूपी यने, नீ वयवरो नाकु चप्પु,
शरि भगवानु वायच,
कालोस்मि, लोकख्षयकरत् परवुरुद्धः,
लोकांसமाहरत् मिहपरवुरुद्धः,
सरि भगवानुडनाडु,
लोकख्षयं चययडाणकि विजरमनिचन कालसवरुपणने नेनु,
इपडु लोकालनु समहरिञच�
लगवाणुडनाडु,
लोकख्षयं चययडाणकी विजरमनिचन कालसवరुपणने नेनु,
इपडु लोकालनु समहरिञ्च�
ना चेत चमपबडिन दुरुणुणु,
भीश்मुणुणु,
सययंधोडुणु,
करणुडुणु,
अलागे इतर वीरुळनी नீवँ चमઁ,
सञयवाचय एत चुरत्वा वचनमके शवस्य,
करतांजलिरवइपमान अखिरीटी,
सञयवडनाडु, केसवनी इपलकुळ विनी,
अर्जनुडु उणुकुतु चेतुलो जोडिंचि, नमसकरिंचि,
भयिपडतु,
गधगधस्वरमतु, कृष்णुनी तु,
तिरगी इला पलिकाडु.
महात्म,
अन्दरि कणना गुपपवाडवी,
बरमहदेवुडि कुडा जनमकारणमयनवाडवी निवि,
तवमादि देवः पुरुषः पुराणः,
तवमस्य विश्वस्य परन्निधानम्,
नीवु आदि देवुडवु, पुराण पुरुषुडवु,
इपरपञ्चानिके परम नधिवी,
वयजुडवु,
वयतवे कुडा नीवे,
परममैन धाम�
नीवु अनंतरूपुडईन नीचेत,
इसमसतमु वयापिनપबडि उनन।े
वायु,
यमुड,
अग्णी,
वरउणुड,
चशांकुड,
परजापती,
अन्नी नीवे,
सुष्टिकर्तके तन्रवि,
नमसकारमू,
नी��
नमसकारमू,
नीकु वैयि नमसकारालू,
तिरगि मलि,
मलि,
नीकु नमससुलू
नी महिमणि एरुगणी अज्ञानन्लू,
सनिहि तुडेवी अणुकूटु,
मुळ्लोकाललोनु साटि लेनी महिमकलवाड,
मुण् नेन्णडू चुडनी,
इस्वरूપाल्नी चूचि सन्तूषिञ्चाणु,
ओ सहसरबाहु,
विशवरूपा,
किरिटन्तु गधा चकरलतो नीनु अलागे चुडगूरतानु,
अधियरूपन्तु नालगु बुजालतो उण्डु.
नवेद यद्याज्जयय नेरनधानैहि,
नचकरय भिरनतपो भिरग्रईहि,
एवम् रूपस्चक्य अहम् रुलोके,
दरस्टुम् त्वदनेन कुरुपरवीरा.
ओ कुरुवीरा, वेदाल, इध्याल,
अजेनं चेतगाणी,
दानाल चेतगाणी, उगर तपस्स् वलगाणी,
ना यि रूपाने चुडडम
ना इस् गुररूपाने चूचि वेदपटकु,
मनो वयकलयं चनदकु,
भयम उदलि,
संतोषनतो निणनमनससितो,
पोर��
ना इस् गुररूपाने चूचि वेदपटकु,
मनो वयकलयं चनदकु,
भयम उदलि,
संतोषनतो निणनमनसितो,
पोरव��
सञेयदनाडो,
इला अर्जिनुडे तो पलकि,
वासुदेमुडु तना सखजमयमायन रूपाने तिरकि चूपायदु,
समय��
रूपन् धरिंचि,
आ महातमुडु भयपडि उणन अर्जिनुडे कि सांतवन अङकलगिंचाडु.
सरी भगवानुड अणाडु, चूडडाणकि दुरलभमैन,
इन आ विश्वरूपम एते ते निवु चूषयवु,
दानेने देवतलु कूडा चूडालने निच�
ना हम् वेद इन तपस न दाने न चेजय या सक्य एवं विधो
दृसटुं दुरष्ट वान सिमाम् यता
वेदाल चेत गाणी तपो दान यजञाल द्वार गाणी
नीवु चूचन इपకारमैन विस्वरूપाने चूडडम् साध्यम् क�
भक्त्यात्वनन्यय शक्य ह ह मेवं विधूर्जुन आ
परन्तપा, अरुण,
अनञ्यमैन भक्ति द्वारा मातरमे नन्यं
इरूપन्लो तिलस्सकोडाने की चूडडाने की ना भ�
वहमन्लो परवाह मदभकत्संगवरजितह
ओम् सि कृषण परब्रमभणे नमह
डाकटर गजल सि न्वास स्वरकलपन गानन्तु
सभकतिक गा समरपिसतंन सरी मद भगवत गइत आ