अहे नीडा साइडा
जो उठी धूली गंगा ठू पवीत्र
जो उठी माती चंदन चचीत
जो उठी सिन्धू राती आउदिन
श्रधारे करे पादा प्रख्याळन
जो उठी पवीत्र देवा भूमी
जो उठी पुन्यारा आर्जा भूमी
जो उठी धर्म संस्कृति पिठः
जो उठी संथ महंत मठः
जो धमे भुक्त पादा दाउदाउ लागे सरग पुरी
सीएस्री खेत्रा पुरी
एदेह गणः से इबिश्वासारे जो उबिश्वासारे इस सुर्ग द्वारे
आत्मा मोख्या हुए
अग्नी संजो गरे
एमान गढ़ासेई भरसारे जो उभरसारे
श्रीमंदीरे
पापख्याया हुए
दारुदर्सानारे दारुदर्सानारे
जो उठी सुर्ज उदायरु अस्ता भक्तीरे धाली करे प्रणिपाता
रंग देवदासेई साजी नाचेलोय अरे तमसारे हाजी जो उठी पुन्यात्मा
सच्चांग साभा जो उठी स्रीहरी सोयंग उभा जो उठी सासन मुक्ति मन्डपः
जो उठी सास्त्र न्यायनी साफः जो उधामे संथ माती चूचू
जो उधामे संथ
माती चूचू लागे बैकुंथ पुरी
सी एस्री खेत्रा पुरी
जातीर प्रान दारू बिग्रहरे
जातीर
अस्मिता पुरी स्री मंदीरे जातीर संस्कार आनंदवजारे आनंदवजारे
एमाटी सुरूष्ठी दारू संजो गरे धाम जगन नथ ब्रह्म प्रतिष्ठारे
संस्कुरूति स्विकुरूति विश्वदर बरे विश्वदर बरे
जो उठीर थे जगत पालक जो उठीर जा पहरा सेवक
दोईता पती स्री अंगरक्याको भकत संथो महिमस्तवको
जो उठीर पवित्र रथ जात्रा आस्था विश्वसर
सोभा जात्रा
जो उठी पता का सनातन सकल घटे नरायन
जो धमे भकत
पददवदव
जो धमे भकत
अपददवदव लागे सरगपुरी
सीस्री खेत्रा पुरी