पढ़ने और लिखने मैं तू बिलकुल जीरो था
पर मेरी जिंदगी मैं तू रियल हीरो था
बस छोड़ केन तेरा
इंतजार करया करती
काले सप्लेंडर आने तेरे भेमर्या करती
ना कह बाई तेरे दे घणा प्यार करया करती
मैं
भी काम छोड़ के सारे तेरे पाँचे फिरया करता
कुछ कह दे ना मेरे तैनू सोच डर्या करता
जिसी चुनी तू ओध्या करती मुन सर्ट रंगाली सारी रहे
बाबू की सूमन आज भी सेंज तू जानते प्यारी रहे
किताब के मैं लिख लिख देरा मैं नाम बड़ा करती
ज़ाने एक सपना
ज़ाने एक सपना
किताब आखे मैं लिख लिख देरा
मैं नाम पढ़ा करती
नाम पढ़ा करती
काले सपलंड रे आणे
तेरे बहमरा करती
ना कह पाई तेरे दे
फोटो तेरी लुकमा में
खीज केने लिया था जो आज बिसे साम केने राखी रे
जिस दिन गई थी तू फुलायाली कार मैं पुछ ना रहा था मेरा बाकी रे
फोटो तेरी कदे कदे काल जे तैला लिए
सूंद देख माँ बापो ना दिल समझा लिए सूंद
जिस दिन तू गईथी मन छोड के रोया था
भाला रहने कशने में
जिन्दगी बिताऊंगी तेरी गेल सुनले सोची थी जपूरी मेरी होईना
कोई बिना दिन बित आईसा जिस दिन तेरी जान तने आद कर रोहीना
साहिल बढ़ो तसुन दुख घणे भोगी सुन भूली कोई तने बाड़काईट होगी सुन
करियाद अनूपत ने मैं थंदी सास भर्या करती
काले सपलंड रे आणे तेरे पेमरा करती ना कह पाई तेरे ते
काले सपलंड रे आणे तेरे पेमरा करती