शोमवार के व्रत की हम कथा सुनाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं, क्या फल मिलता इसे करने से ये हम बतलाते हैं, भक्तों तुम्हें बताते हैं,शोमवार के व्रत की हम कथा सुनाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं, क्या फल मिलता इसे करने से ये हम बतलाते हैं, भक्तों तुम्हें बताते हैं,शिवशंकर का लोना बन जाएंगे सब का,सातों वारों का है नाता देव देवियों संग, किसी दिवस को पुष्प लाल कभी है सिंदूरी रंग, ऐसे ही भगतों जब जब है शोमवार आता,शिव की पूजा, शिव की भकती याद है दिलाता, सोमवार तो वार है शिव का, शिव से है नाता, पारवती शिवशंकर को हर कोई है ध्याता,सोमवार को जो वरत करता शिव की करे पूजा, जीवन का हर सुख पाए उस जैसा नहो दूजा, क्यों सोमवार को भोले शंकर को हम ध्याते हैं, भोले को हम ध्याते हैं,क्या पल मिलता इस करने से ये हम बतलाते हैं, भक्तों तुम्हें बताते हैं, शिव शंकर का लोना बन जाएंगे सबका, शिव शंकर का लोना बन जाएंगे सबका,कथा बहुत प्रचलित है भक्तों सुनो लगा कर ध्यान, किसी नगर में रहता था एक साहु कारमार, ब्यापारी था बहुत बड़ा दन, दौलत की भरमार, उसको कोई संतान नहीं थी, दुखता यही आपार,शिव जी का था भगत निराला जपता था नितना, शिव की पूजा भक्ती करना नित्य था उसका काम, नितनियम से महादेव के मंदिर जाता था, ओमन महाशिवाय मंत्र शिव को सुनाता था,यहि बีज मंत्र है माहादेव का तमें बताते हैं, भक्तों तुमें बताते हैं, क्या फल मिलता, इसे करणे से यहत हम बतलाते हैं, भक्तों तुमें बताते हैं,शिव शंकर का लोना, बन जाएंगे सब का।उसकी पतनी भी शिव की ही भक्ती करती थी, उत्र प्राप्त की इच्छा वह भी मन में रखती थी,सोमवार को पति बतनी संग वरत भी करते थे, मा गोरा शिव परिवार की पूजा करते थे, उनकी पूजा से मन ही मन शिव मुस्काते थे, धन दोलत की उन दोनों पर किपा लुटाते थे,पार्वती मा बोली शिव से आप हो नाथ महान इनके मन की बात सँनो इनें चाहि एक संतान इसके आगे क्या हुआ हम तुमें बताते हैं भक्तों तुमें बताते हैंक्या फल मिलता इसे करने से ये हम बतलाते हैं भक्तों तुमें बताते हैंशिव शंकर का लोड़ा बन जाएने सबकापारवती मा जब बोली इने दे तो एक संतान शिव बोले के दे नहीं सकता इनको ये वरदान सब अपने कर्मों के फल से रिष्टे नाते हैंकर्मों के ही फल से सब संतान को पाते हैंसाहुकार के भाग्य में ना है पिता बनने का योग अपने पिछले जनमों का फल आज रहा है भोगमाता पारवती हथ पकणी बोली कुछ भी करो साहुकार की पतनी की महदेव जी जोली भरोत्रियहथ के आगे देव राक्षस सब जुक जाते हैं हाँ सब जुक जाते हैंक्या फल मिलता इसे करने से ये हम बतलाते हैं भक्तों तुम्हें बताते हैंशिवशंकर का लोना बन जाएंगे सब कागौरा की हटमान लिशिव ने देदिया ये वरदान इसी बरस साहुकार की पतनी के होगी संतानलेकिन बाराह बरस का बालक जब हो जाएगा काल का सर्प डसेगा उसको मित्यों को पाएगाशिवशंकर की बाते सारी सुन रह साहुकार बिचलित हुआ न पल भर को करे शिव की जैजैकारअभिवादन कर सिर को जुकाया जोली फैलाई पुत्र की किलकारी गूंजी घरबाजी शेहनाईजो सची शद्धा प्रेम लिये शिव जी को मनाते हैं शिव जी को मनाते हैं आता है सही समय तो वो संतान को पाते हैं संतान को पाते हैंशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सब काआई घर में खुशिया लेकिन नियम नहीं तोड़ा शिव की पूजा भकती को एक पल भी नहीं छोड़ारोज वो मंदिर जाता शिव के तीरत करता था सोमवार को पतनी के संग वरत वो करता था अक्ख धतूरा बेल पत्र शिव जी को चड़ाता था शिव लिंग पर वो कच्चे दूध की धार बहाता थाइसकी पूजा भकती से शंकर जी रहते प्रसन उसकी भकती देखके गौरा का खुश होता मन फिर उसके बाद क्या हुआ ये तुम्हें बताते हैं भक्तों तुम्हें बताते हैंक्या पल मिलता इसे करने से ये हम बतलाते हैं भकतों तुम्हें बताते हैंशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सबकाँधीरे धीरे समय का पहिया ग्याराह बरस बढ़ाग्याराह बरस का कब हुआ बालक पता ही नहीं पढ़ासाहुकार ने पतनी के भईया को था बुलबायाकहा इसे ले जाओ संग मेरा मन है घबरायानगर नगर जब पार करो तुम यग्य भी करवानामेरा पुत्र है दानी सारे जग को बतलानाचल दिये मामा भाँजे अपना धर्म निभाया थानगर नगर जब पार किया तो यग्य कराया थामहादेव के नाम की माला जो जपते गाते हैंजो जपते गाते हैं इस कल युग में शिव जी की कृपा सेवो मुस्काते हैं हाँ वो मुस्काते हैंशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सब कापहुँचे एक नगर में रुके वो यग्य कराना थाएक साहु कार मिला उनको बेटा उसका काना थानगर के राजा की बेटी से होना था उसका ब्याँराजा राजकुमारी को यह भेद था नहीं पतासाहु कार ने मन में छल की योजना बनाईमामा भांजे से पार्थना की युक्ति सुझाईकहा की बेटा तुम दुलहा बन यह विबाह कर लोमेरे बेटे की जगह तुम शादी ये कर लोकिसी की रक्षा करने को जो जतन लगाते हैंजो जतन लगाते हैंमहदेव सदा ही उस पर आशीशें बरसाते हैंआशीशें बरसाते हैंशिव शंकर का लोना बन जाएँगे सबकाशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सबकादूला बन कर राजकुमारी के वो महल पहुँचाबढ़ा ही सुन्दर एक तरीका मन ही मन सोचाराजकुमारी की चुनरी पर लिख दी सारी बारसच बतिला कर चला गया वापिस शादी की रादबारह बरस का हुआ तो उसका अंत समय आयामाता पार्वती जी का मन उस पल घबरायामहादेव से प्रार्थ न किये नाथ जी रक्ष करोमाता पिता इसके मर जाएंगे प्राण न इसके हरोजो मित्यू लोक के स्वामी को अपना शीश न वाते हैंहाँ शीश न वाते हैंमहाकाल स्वयं रक्षक बनकर दर्शण दे जाते हैंदर्शण दे जाते हैंशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सब कामहा देव की कृपा से उसके बच गए हरेना प्राणशिव शंकर ने पीरगायू का दे दिया उसको दानपोँचा घर वापिस तो माता पिता हुए हेरामनमन किया शिव गौरा को कहा आप हैं बड़े महानमाना कर्मों का ही फल सब कुछ हैं दिलवाताभकती और शद्धा सची से प्राणी फल पातासोमवार का व्रत करके सहुकार ने फल पायाकाल भी उसके बेटे के तन को छू नहीं पायाजो सोमवार की कथा का रस पीते हैं पिलाते हैंरस पीते हैं पिलाते हैंशिव पारवती की क्रिपा से जीवन भर मुस्काते हैंजीवन भर मुसकाते हैंशिव शंकर का लोड़ा बन जाएं्गे सब कागनपति शिव मा गोरा कार्त के नंदी को ध्याओशिव परिवार को सदा ही पूछो शीष तुम नवाओहर पल हर खशण सात है रहता भोले का परिवारभोले शंकर शिव जी की है महिमा अपरंपारइनकी क्रिपा से कश्ट मिटे हैं स्वस्थ बने रोगीमहा देव शिव शंभू तो है जोगियों के जोगीब्रह्मा जी ने रची ये स्रिष्टी विश्णू जी पालन हारमृत्यू लोक के स्वामी शिव जी करते हैं संघारजो सोंवार को महं शिवलिंग पर दूध चड़ाते हैंहाँ दूध चड़ाते हैंवो महा देव शिव शंकर से सारे सुक पाते हैंशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सब कासोंवार की कथा जो पढ़ता और सुनाता हैंवरत कर शिव शंकर के सारे नियम निभाता हैशिव परिवार को सची शद्ध से पुश्प चड़ाता हैउसका जीवन फूलों के जैसे मुस्काता हैभक्त जनों सब आखें बंद कर शिव का कर लो ध्यानमन के भोले हैं ये भोले नाथ जी बड़े महानसोंवार वरत कथा का फल जिसको मिल जाता हैदुखों से छुटकारा मिलता हर दम सुख पाता हैजो सोंवार की कता को پढ़ते गान के सुनाते हैंआन गान के सुनाते हैंवो भक्त बने ध्रुभ जैसे शिव की का कुपा पाते हैशिव की का कुपापा पाते हैशिव शंकर का लोना बन जाएंगे सबका