अपने पर प्रस्तुत करते हैं
और एक गीत बरहो माँच चलाला
एकर कोनों समय ना हा
जब केहू किहा कोनों लडिका के पैदाई सुला
तो बड़ा जूंके लोग सोहर मंगल गई हैं था
गई हैं कैसे
कवने
बेला बोलेला पपी आरा
यारे बोलेला पपी आरा
कवने बेला कोई आमल हो
ललाला कवने बेला फतर दिती आवातनी दर्आही लागे लहो
साझे बेला बोलेला पपी आरा तबेरे कारी कोई आमल हो
इत भुआ के तरसे
पपी आरा ताके थुआ के कोई आमल हो
ललाला के तुमा के फतरी तीरी
आवातनी दर्णाही आवे लहो
साझे बेला बोलेला पपी आरा ताके तुमा के
तुमा के फतरी तीरी आवातनी दर्णाही आवे लहो
स्वाती जाला पवाले पपी आरा तपी आपवाली कोई आमल हो
ललाला के तुमा के
फतरी तीरी
आवातनी दर्णाही आवे लहो
धन्या भैली पापी पपी आरा तधन्या भैली कोई आमल हो
दन्या
भैली पपी पपी आमल हो