इश्क है तू मेरी ये रोह तेरे नाँ
तू भी ये सोच ले जराँ
सोच मैं तेरे बारे में हर सबार शाम
हसी सी ये जो रात है,
तेरे नांप हा करदू मैं
मान सी ये मैं कानी है
बाहरों के गलियों में
कोया सवेरा हूँ मैं
समझ ना पाऊंपर जो बादल हो तुम
किरनों की चाहत हैब
बस है बस अब तेरी
ये
सुख है ये पलके मेरे
अब बस भी तुझा रे
जिलूं मैं अब तो थोड़ा साथ बस तेरे मैं
ऐ जंचिलता मेरी
नादानिया जो तेरी
कामोश क्यों है हम दोनों तु बता दे
इशक है तु मेरी ये रूह तेरे नाद तु भी ये सोच ले जराँ
सोच मैं तेरे बारे में है सुबार शाम तु भी ये सोच ले जराँ
हसी सी ये जो रात है तेरे नाम हकर दूWAY मानी सी ये में क्यानी है
ये मेकानी है।