भावा भाव हो सिरका
वो है वढि
सिरस्क वाली
वा छ,enger वा छ
कि वो हैवी, तुहिरी श़ीक है
तुनने शरूर अलर फ़ाली
मगर एगोरी, तुहरे सिरका के नाम सुनके
हमरे मुहुआ से पानी छूटदबा
अच्छा, तो ला देखा
उघार के देखके फिर तोग दिहा
बापरे बाप, तुहरे सिरका में तो
सीनो सीलोग लोगदबा
तब का जानेला, यह दही नाबा
हारे, हमारे सिरका तो देखके
बुढ़होती में पानी काते लगेला
तब एक एक चीजे से तो बड़ा मज़ा मिली
तब नहीं तो का
नाथ, बती, अजरत और दत हरी आम
उठिया के रसी और सीखावल बढ़ा
दाल के पनावल पा, सुलहा समान लेजा लेता
लेला, लेला, मुर्फुता, वो पुर्हवा जमान
अच्छा, अच्छा, तो जल्दी से देदा ये मोरी राणी
एक कीलो देगू की आथा कीलो देगू
अरे मोरी राजा, बारा कनवा छोट छटक देवे मोरी राजा, ये ला
एक कीलो देबू की लाधा सिआ, आरे ला ला, पैसा लिया पैसा
पैसा, ला ला, आपन कके पैसा, ला हाँ सी्र काले से
अरे सीर का वाली, अरे उनने कहा जाते हैं. अरे सीर का वाली, तनई हैने आवा