आँखोबत की कहानी लिखेगे हर शाम रोता
मोहवत की कहानी लिखेगे हर शाम रोता हूं
मोहवत क्या है क्या जानों तडब ना हो तो आ जाओ
मोहवत की कहानी लिखेगे हर शाम रोता हूं
मोहवत की कहानी लिखेगे हर शाम रोता हूं
मोहाबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
मोहाबत की भड़कती आग है एक दिल के आगन में
ना आओ तो ही बेहतर है सुलग ना हो तो आ जाओ
मोहाबत क्या है क्या जानो तड़ब ना हो तो आ जाओ
मोहाबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
मोहाबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
मोहाबत की लिये खुश्बू यहां में मुन्तदी बेटा
मोहाबत की लिये खुश्बू यहां में मुन्तदी बेटा
मोहाबत की लिये हुष्बू यहां में मुन्तदी बेटा
निगाहे राह तकती हैं मेहक ना हो तो आजाओ मोहबत क्या है क्या जानो तडब ना हो तो आजाओ
मोहबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
मोहबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
बिखरता हूँ सिमटता हूँ सिमट कर फिर बिखरता हूँ
बिखरता हूँ सिमटता हूँ सिमटकर फिर बिखरता हूँ सिमटना अब नहीं होता
बिखरना हो तो आजाओ महोबत क्या है क्या जानो तडबना हो तो आजाओ
महोबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
महोबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
महोबत गर्हो ला हासिल तो इनसां तूट जाता है
मोहबत कर हो लाहासिल तो इनसा तूट जाता है
बहुत मुश्किल से संबला हूँ संबलना हो तो आ जाओ
मोहबत क्या है क्या जानो तड़पना हो तो आ जाओ
मोहबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
मोहबत तोड़ देती है मोहबत चोट देती है
मिखा खा कर सवर बिठा सवर ना हो तो आ जाओ
मोहबत क्या है क्या जानो तड़पना हो तो आ जाओ
मोहबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
मोहबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ
घुदा के इश्क का जामे मोहबत पी चुका हूँ मैं
खुदा के इश्क का जामे, महोबत पी चुका हूँ में, निखर कर अपनी घर बेठा, निखर ना हो तो आ जाओ।
महोबत क्या है क्या जाना, तरप ना हो तो आ जाओ।
महोबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ।
महोबत की कहानी लिखके में हर शाम रोता हूँ।
मजाजी इश्क से तोपा की है रुद रुद में अप दिल से।
अगर शिके ठकीकी की तामन्ना हो तो आजाओ।
मोहोबत क्या है क्या जानो।
तड़पना हो तो आजाओ।
मोहोबत की कहान दिख के दिवर शाम रूता हो।
मोहोबत की कहान दिख के दिवर शाम रूता हो।
मोहोबत क्या है क्या जानो।
तड़पना हो तो आजाओ।
मोहोबत की कहान दिख के दिवर शाम रूता हो।
मोहोमत की कहानी दिखुके में अर्शाम रोता हूँ
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