मन्जिले कहीं एह रास्ते कहीं जाना है अब किस जगातेरी ओर को जो चल पड़ा मैं हो जाना है अब फनाखामूशियों की भी एक सुबा है एक फलसाफा हैक्या कह रही है कैसी सदा है सुन लूजारिद्ध मुझीएक भीड में कहीं यू ला पता Nossaमैं जैसे था खुद से जुदाआँख जो खुली है अब सदा सुनीकहती क्या खामोशियाक्या सिलसिले हैं इस सिंदगी केसमझा नहीं मैंहर एप्तिदा की क्यों इंतिहा हैसमझा नहींतिल के आशिया को जूने तापिराजाना नहींजिसको जून दिसा था मैं सारा जहाँमुझे ये जाना नहींबेटा तूएक फल सबाल हैक्या दुशी होगीकि ये सबाल हैएक फल सबाल हैतिल के याशियां कोढूंडे तापिराजाना नहींजिसको ढूंडे साथ थामैं सारा जानामुझी में थातिल के याशियां कोढूंडे तापिराजाना नहींजिसको ढूंडे साथ थामैं सारा जानामुझी में थाजिसको ढूंडे साथ था