साम सुन्दर मेरे मन के नागर।
तुम बिन ये जीवन अधूरा है।
तुहारी छवी मन में समाए।
तुहारे बिना ये दिल बेचैन है।
मोर्म कुट्वाले मन को भाए।
तुम्हारी मुस्कान से जग महकाए।
भुन्दावन में बजे तुम्हारी बाद।
मोर्म कुट्वाले मन को भाए।
तुम्हारी सुनगराण है।
रंगिराल है।
तुम्हारे फिलाणारी तुम्हारा प्यार पुराणा।
तुम्हारे बिना ये जग सूना है।
तुम्हो सहा तुम्हो सहारा तुम्हारे बिना ये दिवेते हैं
तुम्हारे चर्णों मेरा मन समाले तुम्हारे शर्मे ही मिरा खिकाना है
शम सुंदर मेरे मन के लगर तुम निमि जिईवन अधूरा है
शाम
मुझे सुन्दर मेरे मन के अगर तुम दिन ये जीवन अजूरा है।
मुझे सुन्दर मेरे मन के अगर तुम दिन ये जीवन अजूरा है।
मुझे सुन्दर मेरे मन के अगर तुम दिन ये जीवन अजूरा है।