तो यह ने तुझे वर्बाद किया और एक तेरा तनईया पेठील आ गया उसने तुझे चत्रबात
कर दिया तो तो यह तो माया के चेक्कर में होता निजान चे चेक्कर में तो यह कोई चीजंगी में आता हूं
या कोई ऐसी घटना घट जाती कि तुझे नहीं जाने कितना नुकसान हो जाता या पंग हो जाता तुझे बरबात
तो होना ही था एक रोज नाज कर नाज कि कनईया ने तुझे बरबात किया तो प्रेमी कहता रहे बावले इस बात
का घम नहीं कि कनईया ने मुझे बरबात किया रमत इस बाद का है बहुत देर में बरबात किया इस बात
का व्यक्ति नहीं कि अनुसार ने मुझे बरबात किया गंद इस बात का है कि बहुत देर में बरबात किया आज तक कि
मेरी जिंदगी यहीं बेकार चली गई यदि पहले ने अपने तीरे नज़र चला देता तो मेरी जिंदगी सार्थक हो जाती है
इतनी कशिष्ट के लोग बरबाद होने को तुले हुए हैं वह कहते हैं जहां देखो जिधर देखो इश्क के बीमार हुए
हैं हजारों मर गए फिर भी लाखों तैयार हुए भी हुआ हजारों मर गए फिर भी लाखों तैयार हुए बैठेगे क्यों
केकुन की है
कि ग digest
तेरे
दुनिया हुई दिवारी तेरे प्यार में कनैया
देखा अजब नजारा दरबार में कनैया
सब दिन निकल रहा है कब रात हो रही है
सब दिन निकल रहा है कब रात हो रही है
कब दिन निकल रहा है कब रात हो रही है
हर वक्त मस्तियों की परसातों हो रही है
हर वक्त मस्तियों की परसातों हो रही है
हर वक्त मस्तियों की परसातों हो रही है
हर वक्त मस्तियों की परसातों हो रही है
हर वक्त मस्तियों की परसातों हो रही है
हर वक्त मस्तियों की परसातों हो रही है
बहते ही जा रहे हैं रसधार में कनईया
बहते ही जा रहे हैं रसधार में कनईया
बहते ही जा रहे हैं रसधार में कनईया
बहते ही जा रहे हैं रसधार में कनईया
दुनिया हुई दिवानी तेरे प्यार में कनईया
दुनिया हुई दिवानी तेरे प्यार में कनईया
दुनिया हुई दिवाने तेरे प्यार में कनईया
कैसी दिवानी हुई प्रेमी कहता है
प्यारे दिल की हस्रत जुबां पे आने लगे
जितने भी बातें थी बहुत चेस्टा कि ना आए मूँ प्यारी रहे
दिल की हस्रत जुबां पे आने लगी
तुम्हें देखा और जिन्दगी मुश्कराने लगी
तुम्हें देखा और जिन्दगी मुश्कराने लगी
ये इश्क की इंतहा थी या मेरी दीवानगी
हर सूरत में तेरी सूरत नजर आने लगी
हर सूरत में तेरी सूरत नज़र आने लगी
दुनिया होई दिवादी तेरे प्यार में कनईया
देखा अजब नजारा धरवार में कनईया
जालिम तेरी आडाएं आंखे तेरी कटारें
जालिम तेरी आडाएं आंखे तेरी कटारें
जालिम तेरी अदाएं आखें तेरी कटारी
मुस्कान तेरी कातिल कैसे बचे भिहारी
मुस्कान तेरी कातिल कैसे बचे भिहारी
मुस्कान तेरी कातिल कैसे बचे भिहारी
मुस्कान तेरी कातिल कैसे बचे भिहारी
तुम्हें जीत में मजा है
तुम जीत में मजा है हमें हार में कनईया
तेरे प्यार में कनईया देखा अजब नजारा दरबार में कनईया
दुनिया हुई दिया
तेरे प्यार में कनईया देखा अजब नजारा दरबार में कनईया
तेरे प्यार में कनईया देखा अजब नजारा देखा
तेरे प्यार में कनईया देखा अजब नजारा देखा अजब नजारा Net
तेरे प्यार में कनईया देखा अज़्यान प्यार में कनईया दुनिया
तेरे प्यार में कनईया देखा अज़्यान।
और उपर से बरसे ना चाते भी भीगना पड़ता है तो
शरीर का अंग अंग रोम रोम उसमें भीग जाता है
इसे जब मेरे साकी का दर्याय रहमत जोश खाता है
ये मैं पिलाई नहीं जाती बरसाई जाती है
और जब बरसती है तो
दुनिया हुई दिवाद
केरे प्यार में कनईया
दुनिया हुई दिवाद
केरे प्यार में कनईया
दुनिया हुई दिवानी
केरे प्यार में कनईया
दुनिया हुई दिवानी
केरे प्यार में कनईया
देखा अजर नज़ा
दुनिया हुई दिवानी
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
शाकी तेरी नजर
चित्वन के तीर क्यों चला रहा है
मुस्कान से काम तमाम हुआ
तीर छेद्रिग बान को तानता है
तीर छेद्रिग बान को तानता है
बहु तेरा कहा पर तेरे बिना
प्यारे बहु तेरा कहा पर तेरे बिना
ओ मन मेरा न मोहन मानता है
की करिये प्राजी तानु वेक के साड़
मन में बेहिमान नहीं आगा
मन बेहिमान हो गया और तु भी इमान दर नहीं रहा
आदत लगा के तू
मन बेहिमान हो गया तुय लेकर मेरा मन बेहिमान है
और आदत लगा के तु भी बेहिमान हो गया परे अढ़ गया
क्यों आदत लगाई कैसी लगाई
के तेरे बिना बहु तेरा कहा
पर तेरे बिना
मन को संजाया
रे भावले मान जा मता उसका उपर
ओ मन बहुत तेरा कहा पर तेरे बिना मन मेरा ना मोहन मानता है
मन मेरा ना मोहन मानता है
जालिम तेरी आडाएं आखे तेरी कटाडे
जालिम तेरी कटाडे
मुश्कान तेरी काटिल कैसे बचे बिहारी
मुश्कान तेरी काटिल कैसे बचे बिहारी
तूमें जीत में मजार हमें हार में कनई
तूमें जीत में मजार हमें हार में कनई
तुम्हे जीत में मजा है हमे हार में कनईया
तुम्हे जीत में मजा है हमे हार में कनईया
तुम्हे जीत में मजा है हमे हार में कनईया
तुनिया हुई दिवाने तेरे प्यार में कनईया
देखा अजब नजारा दरबार में कनईया
देखा अजब नजारा दरबार में कनईया
देखा अजब नजारा दरबार में कनईया
सर्वार में कनैया
राधे, राधे, राधे, राधे
कृपया सभी बैठेगी, अपने विष्टान में बैठेगी
राधे, राधे, राधे राधे
कृपया सभी बैठे जाएं, जिनको अंदर बहुत उन्माध हो
वो कहा रहे है उसकी बड़स रही है जिसने ओक जिसने पूरा का पूरा या तो भीग गया हो या खूप भी यो उसकी बात अलग है
दो चार बुंदे किसी के इससे में आई है तो वो बैड़ जाएंगे राधे राधे राधे को और भी बहुत से भजन गायक हैं
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है सुबह तक ये मधोशी के दौर चलेंगे वो कहते हैं ने तुझको दरिया दिली की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है सुबह तक ये मधोशी के दौर चलेंगे वो कहते हैं ने तुझको दरिया दिली की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया
संस्था की तरफ से बहुत अच्छी व्यवस्था की कसम सा किया