मनिहारी का भेश बनाया
शाम चूड़ी बेचने आया
छलिया का भेश बनाया
शाम चूड़ी बेचने आया
जोली कांधे धरी उसमें चूड़ी भरी
गलियों में शोर मचाया
शाम चूड़ी
बेचने आया
छलिया का भेश बनाया
शाम चूड़ी
बेचने आया
राधा ने सुनी ललिता से कही
मोहन को तुरंथ बुलाया
शाम चूड़ी बेचने आया
शाम चूड़ी बेचने आया
शाम चूड़ी बेचने आया
राधा पहनन लगे शाम पहनाने लगे
राधा ने हाथ बढ़ाया शाम चूड़ी बेचने आया
छलिया का भेश बनाया
शाम चूड़ी बेचने आया
राधा कहने लगे तुम हो छलिया बड़े
दीवित दिभीरें से हाथ दबाया शाम चूड़ी
बेचने आया छलिया का
भेश बनाया
शामचूड़ी बेचने आया
शामचूडी बेचने आया