खाटु आले को दर्बार मने भावे, शाम बाबा को सिंगार मने भावे
दुमिया का नजारा के देखा, के देखा दिनी बाबा को सिंगार मने भावे
खाटु आले को दर्बार मने भावे
ऐको मुखडो प्यारो प्यारो, ऐकि आख्या जू अमिरत की प्यारी
ऐको मुखडो प्यारो प्यारो, ऐकि आख्या जू अमिरत की प्यारी
ऐक मां थे मर्को तहए जापर,
ऐक मां है मको तहए जापर,
और पखिया कजब की निराणी
एक धुंगर वाला बाल एक हीरो चमके बाल
में चांदे शितारां एक देखां
पत्यां बाबा को शिकारवन भावै
पत्यां बाले को धर्मारवन भावै
पत्यां बाले को शिकारवन भावै
खातु आल कानजारं एक देखां
अगे देखा बाबा को शिगार बादे भावे
शाटु आले को जर्वार बादे भावे
लोगों बदल बदल कर पहने नित बागा रंगी विरागा
लोगों बदल बदल कर पहने नित बागा रंगी विरागा
कदे केशर या लाले गुलाबी, कदे धोड़ा, कदे बच रहेंगा
कदे केशर या लाले गुलाबी, कदे धोड़ा, कदे बच रहेंगा
वागा पहने घेर घुमेर, कहने थोड़ी थोड़ी देर, एकी बागो दुबारा छे देखा
माँबा को शिंगार बच वावे, खचुवाने को तरबार बच वावे
दुणिया का नजार,
ते देखा बाबा को सिगार मते भावे खाड़ू आले को दर्वार मते भावे
प्रिताने का स्क्रीन रास दो फ्रिक को कलना था
रेथ में लंबत सहय में अपना खीली खुल गई
रिपोर्ण आएगे जगनी�
भी रोया पूरी कई रखम का भी रोया उपर से गीतर छिड़के चारुकानी से सेवक है याया
उपर से गीतर छिड़के चारुकानी से सेवक है याया
हारो बाबो है शोधी देखा तब यत हो रगीन
गुलशन की बहारा के देखा के देखा
जाओ
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
बाबा खुशिकार
शाम भावर को दरवार मन भावे