बाल समय रभी वक्ष लियो तब पीन हुलोक भयो अंधियारो
ताही सो त्रास भयो जग को यहां संकट काहूं सो जात न तारो
देवन आनी करी बिनती तब चाने दियो रभी कष्ट दिवालो
को नहीं जानत है जग में कपी
संकट मोचन रामते हारो
संकट मोचन रामते हारो
बाली की त्रास कपीस बसे गीरी जात महाप्रभु पंत निहारो
चोकी महामुनी साप दियो तब चाहिये कोन विचार विचारो
गैध जरूप लिवाये महाप्रभु सो तुम दास्त के शोक दिवालो
को नहीं जानत है जग में कपी संकट मोचन रामते हारो
संकट मोचन रामते हारो
अंग देके संग लेने गईसे ओज कपीस यहाबेने उचारो
जीवत ना बच्ची हुँ हाम सोजु बिना सुधी लाई यहाप गुधारो
को नहीं जानत है जग में कपी
संकट मोचन रामते हारो
संकट मोचन रामते हारो
रावन त्रस्द ईसी खोतब रक्षस सोकही सोकनिवारो
ताही समय अनुमान महाप्रब जाय महा रजनी चरमारो
चाहत सी अशोक सो आधि सुधे प्रभु मुद्रिका शोकनिवारो
को नहीं जानत है जग में कपी संकट मोचन रामते हारो
भानलग ऊरुलक्षमन के तब प्रानत जैसुत रावन मारो
लेग्रह वैद्य सुसेन समयत तब गीरी द्रोन सुधीर उपारो
आनी सदीवन हात दरी तब लश्मन के तुम पान उपारो
को नहीं जानत है जग में कपी
संकट मोचन रामते हारो
संकट मोचन रामते हारो
जग
नाग के फास सबे सीर डारो श्रीर गुनात समेत सबे दल
मोहो भयो यहां संकट भारो
आनी कगेस तब है हनुमान जुबन्धन काकी सुतास जीवारो
को नहीं जानत है जग में कपी संकट मोचन रामते हारो
संकट मोचन रामते हारो
बंधु समेत जबे अही रावन लेर गुनात पाताल सी धारो
देवी ही पूजी भली वीधी सुबली देवु सबे मिली मंत्र वीचारो
जाय साहाय भयो तबरी अही रावन सेंद समेत सथारो
को नहीं जानत
है जग में कपी
संकट मोचन रामते हारो
आज किये बड़े देवन के तुम भीर महा प्रभु देखी वीचारो
पोनु सु संकट मोर गरीव को जो तुम सोने ही जात है टारो
देखी हरो
हनुमार महा प्रभु जो तचू संकट होये हमारो
को नहीं जानत है जग में कपी संकट मोचन रामते हारो
संकट मोचन रामते हारो