हम कैला शिव शिव शम्पू की कथा सनाएंगे
बाट के अमरित औरों को खुद विश पी जाएंगे
हम कथा सनाएंगे
हम कैला शिव शिव शम्पू की कथा सनाएंगे
हम कथा सनाएंगे
दैत्यों और देवों में एक दिन युद्ध हुआ बड़ा भारी
दैत्यों से देवों को मिली थी हार करारी
इंद्र देव से बीचिन हाई उनका सिंहासन
लेकर देवों को राज दैते हुए बड़े प्रसन
देव तगन सभी भ्रम्मा की शरण में आए
बोले दानव फिर से राज कैसे छोड़ के जाएं
ब्रह्मा जी फिर उन्हें विश्णू की शरण में लेकर जाते हैं
विश्णू जी सब ही देवों को फिर से ये बतलाते हैं
करके सागर मंथन को हम अमरित को पाएंगे
हे भोले भंडारी तेरी महिमा है न्यारी
हे भोले भंडारी
तेरी महिमा है न्यारी
पर सागर मंथन के जाएंगे
दैत्यों को भुलाना होगा
मिलकर बाटेंगे अमरित उनको समझाना होगा
बोलो ब्रह्मा विश्णू जी को देखो आप करो ये काम
दैत्य राज शायद आपकी बाते लेखा वो मान
ब्रह्मा जी की बात सुनकर विश्णू ने ठाना है
देवों को ये राज सुवर्ग का फिर से दिलवाना है
दैत्यों को स्वेम विश्णू ने मंथन के लिए मनाया है
हे भोले भंडारी तेरी महिमा है न्यारी
काल कोट विश्ण निकला था सागर मंथन में पहले
देख उसकी अगनी को देख तीनों लोग हैं
दैत्य राज शायद आपकी बाते लेखा वो मान
ऐसे विश को तो वहाँ कोई ना अपनाए
मुश्किल की घड़ी में सबको शिव शम्भू यादाए
नारद जी भोले से बोले आप ही हमको बचाओ
ये स्रिस्टी बच जाए विश से रस्ता कोई बताओ
सुन नारद की बात ऐसा खेला खेल ये निराला
स्रिस्टी के उपकार की खातर सारा विश पी डाला
लेकिन सारे विश को अपने कंठ बसाएंगी
हे भोले बंडारी तिरी महीमा है न्यारी
हे भोले बंडारी तिरी महीमा है न्यारी
अगर आपको अगर आपको अगर आपको अगर आपको अगर आपको अगर
होने लेकिन विश पीते ही भोले लगे व्याकुल होने
विश की अगनी रही निरंतर उनका कंठ जलाए
फिर एक आगात स्थान पर भोले जी है आए
एक व्रक्ष के नीचे बैठे करने लगे तापस्या
खोई देव भोले तुम्हारा खेल है ये कैसा
बोले भ्रम्मा भोले नात की चैन तभी आएगा
गंगा का पावंजल इनके शीश पे डाला जाएगा
सभी देवता मिलकर गंगा जल ले आएगी
हे भोले भंडारी तेरी महिमा है न्यारी
हे भोले भंडारी तेरी महिमा है न्यारी
शीतल गंगा जल चड़ा तो चैन जब उने आया
वो पावंस्थान फिर नील कंट है कहलाया
शिव भोले को तब से जल ही चड़ा जाता है
जो कोई जल चड़ाए फिर उनकी गृपा पाता है
भले बुरे का ध्यान नहीं ऐसे है भोले नात
अपने भक्तों पर करते हैं क्रेपा की ये बरसात
सब देवों में न्यारे हैं ये भोले फंडारी
बाय अंग विहराजे इनके माँ गौरी प्यारी
सार्वेद पुरान नीकी महिमा गाएंगी
ये भोले फंडारी
तेरी महिमा है न्यारी
ये भोले फंडारी
तेरी महिमा है न्यारी
भामासुर को वर दे डाला ऐसे हैं भोले वाले
करके सच्चे मन से भक्ति कृपा एनी की पाते
लोटा भर जल में ही भोले प्रसन हो जाते हैं
सावन के महीने में भगतिन की कावर लाते हैं
गुंज रहे चारों
तरफ बंबं के चैकारे
अपने सारे भगत लगे शिव शम्बू को प्यारे
कोई कहता है महाकाल कोई भोले नात
अपने भगतों को देते हैं मन चाही सोगात
नंदी की ये करे सवारी मन को भाएंगे
हे भोले भंडारी तेरी महिमा है न्यारी