रसेर सा जिगर रखते हम ब्राम हड जिते रे हमेशा यूही सानते हैं
हमेशा यूही सानते हैं
हमसे भिटा करावे गा तु जो लडले जावेगा रे बेटा सीधा जानते हैं
जावेगा रे बेटा सीधा जानते हैं
थे छेक छे उतार दूंगा छाती मथार बेटा बात जा दिया वे अमारे सम्मान पे
बाते जा दियावे मारे सम्मानों पे
हम रामण छोर हैं हमारा कहीं न चोड़ हैं
हमारा पिगड़ा कुछ न वैरी मेरे लगाते जोर हैं
मचाते शोर हम बनाते मोरकं सुनाते ब्रो सिदे उड़ाते ब्रो
तिलक सर पे हम अच्छे गड़ से कभी धर्म ग्यान कभी बत्ती भोर
रे देखले तु जा के इतिहास ब्राम हड़ो का
तु जान जावे गारेया ओकाते अपनी
जान में है पर्सुराम जास बीरे कूल में
साब से जुदा है बेट जाते अपनी
रे दिधाया मराज से करा दू मुलकात
जब भी अंगुली उठावे काते मारे सीरी राम पे
रे छे के छे उतार दूंगा छाथी मठारी बेटा
बात जाती आवे मारे सम्मानों पे
शास्त ग्यान है शास्त ग्यान भी हो
तो हम कभी करेंगे ना
सामने फिर हम राज भी हो
मौत से हम कभी तरेंगे ना
सम्मान की पातों हम पीछे तो कभी भी हटेंगे ना
जने उठारी हाथ में भरसा कोई सामने टिकेंगे ना
तोता हुआ सेर हर एक ब्रामहड है
उंगली न कर सुन रे लाडले
भागवा से प्रेम करते हम ब्रामहड
आख ना दिखावे सुन रे लाडले
भरसा उठेगा उस दिन यो जानले
आवेगी जे बात मारे भागवान पे
छेक छे उतार दूंगा छाती मा थारी
बेटा बात जादी आवे मारे
सम्मानों पे
बात जादी आवे मारे सम्मानों पे