होती नहीं सराब तो मर जा थे कितने लो
ब्यार कोईनी दील से उखेल गयल फिल से
जीया तानी भाई हम बड़ी मुष्किल से
ब्यार कोईनी दील से उखेल गयल फिल से
जीया तानी भाई हम बड़ी मुष्किल से
कौनों दावाई सजाता नहीं दिलावा के रोग
कौनों दावाई सजाता नहीं दिलावा के रोग
होती नहीं सराब तो मर जा थे कितने लोग
होती नहीं सराब तो मर जा थे कितने लोग
पहले ता हमारा जिनगी में आके बात करत रहे रात भर जगाके
अब ता छोड़ी के जात भीया हम के आपन यादत लगाके
जाये देवापा कब खुस न रावे
पहले ता हमारा जिनगी में आके बात करत रहे रात भर
जगाके अब ता छोड़ी के जात भीया हम के आपन यादत लगाके
अज बुझायिल करत रहे हूं हमरा के परयोग
होती नहीं सराब तो मर जात कितने लोग
हाँ होती नहीं सराब तो मर जात कितने लोग
अब ता फोन न लगावतीया कैलो पे नहीं उठावतीया
रहे जे खास ये हो बिकास उहे बिबेग के रोवावतीया
अब ता फोन न लगावतीया कैलो पे नहीं उठावतीया
रहे जे खास ये हो बिकास अप चल के उहे रोवावतीया
राकिस राज के आजो सतावता पगली के भी ओग
राकिस राज के आजो सतावता पगली के भी ओग
होती नहीं सराब तो मर जाते कितने लोग
होती नहीं सराब तो मर जाते कितने लोग
हमार भाई जे जे मुझबत के माड़ाबा दरूए को सहाराबा