खोल लिखाके लिखो पे माजाजी
पाबे भात भारो से बाड़ा बापे भाई ना होला
धनिया पकोरो जोनी सौक,
साके दावाई ना होला
मानी पिया बात होई,
मेहारी के जाते हो,
दुसरा के बात सुलके नहीं जोनी ढाते हो
चके कौनी राजाजी,
मी के बामे सुली हो,
रही नो यार मे छोटा हे बाला,
तकाऊं बराहे भूली हो,
पाबाके लिखाके बाड़ा बापे भाई ना होला
चड़हली जावानी अमन,
चला भोगे सुखे हो,
रोगी बिकास गलो,
दोना हमके दुखे हो
चला पलवान पकाई लिखे,
एराजाजी सेवा हो,
अनुसन धारा हमारो,
खुद मिली मेवा हो
वो प्यार मेंको वो बेवाफाई ना होला