कि जैसे भया हम कुमार रविया आप सबश्रोता समाज के गोंठे बचना ही का आइए बेबबाप अपने बिटिया के सादी करेंगे
और सब जन्म से लेकिन कि बिटिया के सादी का यूकर भ्राटा कि सबक्रिया वह दिखिए कैसे कहेगी अपने
अपने भाव से, अपने बात से, अपने बाबु के सामने रो रो के भाई के सामने रो रो के पैसे कहे लोगी, पुक्रे भरना नहीं है, इसमें कर लोगी कर लोगी
बेटी केतनों रख बापा पापा, परमे सहेजी के
साधी का होई नहीं, बिना दान दहेजी के
बाबुनी के पल ला पुसला, दिला कुब प्यार हो
तू ही ताज कवला पापा, घर संसार हो
बाबो नहीं के पलला पुतला देला थोब प्यार हो
वो ही तादे कवला पापा धर संसाद हो
खुशी हम के दिहलू माई आपां सुकवाते जीके
खुशी हम के दिहलू माई आपां सुकवाते जीके
सादी तो होई नाही बिना दान धहे जीके
सादी तो होई नाही
बिना दान दहेजिके साभीता होई ना
बिना दान दहेजिके साभीता होई ना
बाडा रे अजीबीता जुनना के रीतबाद
बाबु माई छूटल जाले कैसा ने प्रीतबाद
जोली में बैठा वस भैया
जोली में बैठा वस भैया अपना करेजी के
जोली में बैठा वस भैया
अपना कारे जिके साधी ता होई नहीं
बिना दान दहे जिके साधी ता होई नहीं