लिहे नाइ मागुने से उद्धावा
सबाते ना रहनी जानू हमरे नाजारिया
काले छोर के चौल गंगी
क्यावना ना गरीये
सबाते ना रहनी जानू
हमरे नाजारिया
इसके जन्ही के सासुदा
निक्सवाई सिंदु समराज
नाना भोहानी कहे जे पराया भेंगी तोरी देनी सिसानी अपनी लगे
सोची सोची तोरो बतीये भरता हमा
मरछापीये करते लिजीयाल उसाकी लगे
ये भरता हमा बची लगे
नाना भोहानी के लगे जानू हमरे नाजारिया इसके जन्यीयाल उसाकी लगे
लगो हाँता उसाकी लगे
अपनी लगे जानू ये भरता हमा बची लगे नाना भोहानी के लगे
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