चले से माहोल रे महरा दिली काशी मैं
रह बैठे से बढ़ बाई में रे सनी थारी राशी मैं
तेरे छेतर में रे सकूढ सा शिरडा म्या से
हो किसने महरा छोड़े उड़ते तीरे थाम्या से
हो खत्रे में है जान करे हम साप कहते हैं
रे मेरे भाईया ने भी शहर का बाप कहते है
रे मिंटा में माहोल औरते और बना देंगे
रे दे के जड़ू पिछवाडे में मूर बना देंगे
हम दोनो भाई मारी माले सेर जाबे है
आप बदमाचा के छोटे देर वे हमने खाँवे हैं
तो बात प्यारते बढ़ जा उसमें फादा कहते हैं
रह हमने भी तो सारे सहर का दाता कहते हैं
सर्फ म्यूजिक
कि मैंने सुनी थे बारे में थरा सिस्टम चले सौरे में दो-दो गाड़ी होटर की रह चलती है तो रूप में उठा रूपी या
ने भी शहर का बाप कहते हैं रे मेरे भाईया ने भी शहर का बाप कहते हैं
केले-सारे में पैश ने फिर बंते रे
हम खुली छुटी देरे
जिसे दहम हो भैट़ लियो हम दहम की बूटि से ले
हित सरदाणा लोग तमे कथी साफ़ दा कहते है
हमने भी तो सारे सहर का दागा कहते है
हमने भी तो सारे सहर का दागा कहते है