तुझे याद है वो दिन जब जाते थे हम स्कूल
लाइफ हो गई थी बड़ी बड़ी कूल
सारी बाइके, स्कूटी घर पे थी पार्क
घर से फिर पैदल जाते थे साथ
फिर साइकल स्टैंड पर करते थे बकेती
बकेती में टाइम कैसे कटा पता है नहीं
फिर हम जाते थे स्कूल का ड्रम बजाने
फिर क्योंने बजाएगा अबे इसे को भगाँ
देख मेरी बारी है आज मेरी बारी है
कल तूने बजा लिया आज मैं बजा लूँगा
तो कौन सा पाप हो जाएगा
जो नहीं बजाएगा उसका दूसरा पाप हो जाएगा
कर दिया हमने धम धम धम
पीटी हो गई बन बन बन
आउट्रेस पेन के नहीं आया
जो बच्चा वो था बड़ा बेशरम
बड़ा बेशरम
फादर जॉन किंग भरत आया सामने
बोला हाउ मेनी मगास यूव कोट इन इवीएस
साइंस, मैथ्स, ओ, माई, कॉड आई कांट आई जैस्ट
ओ वाइन चू थ्री फॉर
वाइन चू थ्री फॉर
ऐसे करता था वो पेंसिपल था वो
वाइट कपडो में भूत की तरह घूमता था वो
पीछे से आता था गुद्दी थाम लेता था वो
फेर चंकट रखता था वो
ऐसा पेंसिपल था वो बड़ा गेंडा था वो सूर