भोल बाग
जैसे शियो
तो हसनी हो रहे को बाबा की लहा ले रहे
बाग आ हो
तो उसका मदालों का जो तकाना शुरू करें गिले।
सुन उंगर�कि rechtensifära
भी आओ पगलीनू रहूरे है दिवानी
भी नाई चड होले ज़ालो पिये लेहना पानी
हमरो उमर हमरा सोन के लागे
रो बेकली बासे लग हमनी के जागे
हरो दंग पता उतना ममः कली रोखे जेदी यशिर बाद बाबा जाने उसना हली रोखे
जेदी यशिर बाबा अमाजान उसना हली रोखे
सातो जाने मरो जेजाने हमरा सात जी इहे बाबीन तीलो बासे भूले नाथ जी
हाल