आई बाव
जबसे चड़ हलबा सावन महिनावा भोले बापा के पावनी दिनावा
गुझेर हलबा धरतियां वर सिव महिमा सभगावे
कबोरीया जलावा चरावे देवभादा में कबर लेके आवे
जूटे जल साभारी भोले बापा के दूवारी
पूझन से सांती मिलेला
जिनगी के फुलवा खीलेला जटतिर सुल
मिर्गा च्हाला सेवका के मन भावे
कबोरीया जलावा चरावे देवभादा में कबर लेके आवे
जग जानेला सगरी विसके पियले गगरी
ना थोके ना थेक हैले हो पिनलोक में अमार भाईले हो
ललन भोजपूरी अनिरुध
सेवका सावन में धरसन पावे
कबोरीया जलावा चरावे देवभादा में कबर लेके आवे
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