जितनी गहरी हो रातें उतना ही गहरा निखलेगा सवेरा
कर लो जो भी करना है उड़ना चाते हो तो गिरना पड़ेगा
धम जाएगा दुफाए मिल जाएगा जो भी दिल से चाहेगा
दिल का ये राज रजाना खुद को पाना है तो खोना पड़ेगा
हो एक दिन
दर्द बन जाएगी तेरी बावा
जो भी घंट है तेरे
इन्हें दिल से बुला दे मेरे यार
हाँ खिलेगा दिन आएगी सुभाव
खिलेगे वो बंद रास्ते
तरे लिए आएगा वो दिन
गारे का जहाँ पास है सुभाव
दिखना पाएंगे तारे
घवराए तचको रातों का अंदेरा
बेखौफ चलते रहना
एक दिन खुल जाएगा दिल का दरवाजा
कहरे बादल से ही तो
बेटा है गहरी बारेशों का दारा
बंद हूँ जब सब दरवाजे
अंदेरों में भी एक रस्ता देखेगा
एक दिन दर्द बन जाएगी तेरी बाद
जो भी घम है तेरे
इन्हें दिल से बुला दे मेरे याँ
हाँ खिलेगा दिन आर की सुभाव खिलेंगे वो बंद रास्ते तेरे लिए आर का वो दिन गार का जहाँ पास है सुभाव
खिलेगा दिन आर की सुभाव खिलेंगे वो बंद रास्ते तेरे लिए आर का वो दिन गार का जहाँ पास है सुभाव
हाँ खिलेगा दिन आर की सुभाव खिलेंगे वो बंद रास्ते तेरे लिए आर का वो दिन गार का जहाँ पास है सुभाव
हाँ खिलेगा दिन आर की सुभाव खिलेंगे वो बंद रास्ते तेरे लिए
आएगा वो दिन गाएगा जहाँ होसी है सुबा
खिलेगा दिन आएगी सुबा
खिलेंगे वो बंद रासिते
तरे लिए आएगा वो दिन गाएगा जहाँ होसी है सुबा
खिलेगा दिन आएगा जहाँ होसी है सुबा