पहली भक्ती संतों का सत्संग शुनो। सज्जनों का संग करो। बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा आपके उपर। मैंने शुना है।
मथुरा में मेरा सत्संग था। तो जिस गहों में सत्संग था। जिन्होंने शत्संग कराया था।
मिलिटरी में शर्विस करते थे, रिटायर हो गयें थे। तो उन्होंने मुझे बताया गहों बहुत बड़ा है।
और हर घर से
दो तीन एक दो तीन एक सब मलिटरी में है
हर घर से तो हमने का ऐसा कैसे हुआ
बोले हमारे गाउं में
एक दूसरे की अच्छी बाते लोग सीखते हैं
और पूरा गाउं सत्संगी है गुरुजी
और सबने एक दूसरे से अच्छी प्रेरणा गया है
और अपने बच्चे को मिलिटरी में भर्ती करने के लिए तैयरी करवाया
शंगत का प्रभाव है
कितने गाउं में एक भी विक्ति सर्विस में नहीं
एक भी विक्ति पढ़ा लिखा नहीं
एक भी विक्ति
सब अनपढ़ पढ़
और कितने गाउं में
हर घर में दो दो मास्टर है
इंजिनियर भी है
डॉक्टर भी है
सिच्छा बहुत बड़ी चीज है
और ये भी याद रखना
समस्दारी
सिच्छा से भी बहुत बड़ी चीज है
और ये भी याद रखना
अपने घ्यान का सद्वियोक करना
यह उस से भी बड़ी चीज है
क्योंकि कई बार लोग सिच्छित हैं
पर उसमें समझदारी नहीं है
और समझदारी है
तो ज्ञान का प्रियोग नहीं कर पाता है
संतों की शंगत से
नाना प्रकार का ज्ञान होता है
आपकी मन में शान्ती आती है
आपका कल्यान होता है
मैंने सुना है
एक चोटी सी कथा है
आपको सुनाता हूँ
किसी गाउं में
एक चोर रहता था
वो चोर
रोज चोरी करता था
तो उसने अपने सभी बेटों को भी
चोरी करना सिखाया
चोरी सिखा दिया
एक दिन
उसके चारों पुत्र चोरी करने के लिए गए
तो बापने एक शावधानी
ये भी दिया था
कि शंतों के सत्संग में
कभी मत जाना
इदि चले भी जाना कहीं
तो सुनना मत
कान में अंगुली लगा ले
ये दिखाओ
ध्यान रखना एक बात
इस बात को सुन करके
चारों भाई चोरी करने के लिए
रात में चा रहे थे
जिस रास्ते से
जाना था उस रास्ते में
रात में
सत्संग चल रहा था
दूसरा रास्ता
नहीं था वहाँ से निकलना जरूरी था
चारों भाईयों ने शला किये यहां से निकलोगे तो सत्संग के सबाध कान में पड़ जाएंगे
तो क्या करोगे
तो बड़े भाई ने कहा कान में उंगली लगाने
और दोड़ के निकल चल
तो कान में उंगली लगाया और दोड़ कर निकले
तो दिहात का मामला गाओ का मामला, गाओ में तो जगे जगे खूटा गाड देते लो, कहीं खूटिया गाड देते
तो सब तो निकल गए, छोटा भाई जब पीछे से निकला तो उसका पहर एक छोटे सी खूटम लड गया, तो गिर पड़ा तो कान से अंभिली निकल गई
भाईयो ने का कुछ सुना तो नहीं कहां पीछे रहे थे बोली खूटम लडगे गिर पड़े तो बोले कोई खास बात नहीं सुना हूँ संत जी कह रहे थे कि जो देवी देवता होते हैं उनके परचाही नहीं होती है
और देवी देवता जो होते हैं वो जब चलते हैं तो उनके पैरों के चिंह नहीं बनते हैं
तो तीन भाई हसने लगे बोले चलो कोई बात नहीं देवी देवताओं की बात है मनुष्य की तो कोई बात सुने नहीं तबने बोले कोई नहीं सुना
बोले ठीक चलो
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