और सथसंग से मिलता क्या है?ये प्रश्न रामेड में पूछा गया हैतुलिशीरास 245 लिखते हैकि सथसंग से क्या मिलता हैंबहुत्सkuns आपसे पूछेंगेकि सथसंग से क्या मिलातुम्पक्या उत्तर दोगेंवो उत्तर में बता देता हूँउत्तर दे देना उसकोको सो जानना हूं सतर्य संघ प्रभाव अ रोल आ रोल आ हूं और सकते हैंशोदय प्रमैंनीस कि यह 5 चीजे 우리लो कहते हैं बिदन या समझ लुखइस लोक में लोक माने संसार में और बेदों में भी यह पांच चीजें प्राक्त करने का दूसरा कोई उपाय नहींहै वह केवल और केवल सत्संग से मिलती है और सत्संग क्या मिलता है तो चौपाई गा दिया बहुत लोग अर्थ नहींसमझ पाए तो थोड़ा डीटेल में बताना पड़ेगा डेटेल कर दूं कि थोक में छोड़ गई थैंक डिटेल कर देता हैचेलर कर देता हुए है 36 हो meidän चिलर बोलते कि मतीयों की रचन है मति मानेद बूंचे होता हैका श्रद्ध बद्धी यदि मिलतीदन तो कही मिल जाएगा, पद मिल जाएगा, सामान मिल जाएगा, सुविधा मिल जाएगी, लेकिन सद्बुद्धी मात्र सद्संग से मिलती है।बुद्धी तो रामण के पास भी है और बुद्धी राम के पास भी है।लेकिन राम रामण की बुद्धी में अंतर क्या है।राम के पास में सद्बुद्धी है और रामण के पास में दुरबुद्धी पुबुद्धी है।दोनों के पास बुद्धी है।कि रामण्य चारों वेदों की व्याख्या लिखा हैकि रामण्य संघिता है उसतक्षित बड़ा बीद्वान था रामलेकिन सद्भुद्धि नहीं तीराम के पास में सद्भुद्धि हैक्योंकि राम को बच्पन से सत्संग मिलाका सत्संग मिला, बिश्वामित्र का सत्संग मिला, भरतद्वाज का सत्संग मिला, वालवीक का सत्संग मिला, अत्रीबुनी का सत्संगमिला, और सत्संग शंते शंते, राम के पास में, शद्भुद्धि आ जाये, और जिसके पास में शद्भुद्धि आ जाये,तो समझ लेना उसकी अंदर भगवत सक्ती पैदा होनी लगती है भगवत सक्ती भगवान बनने की राह पर चल पड़ता है शद बुद्धीमत कीरती है और मुन्नुष्य की कीरती मुनुष्य का यस ये भी सत्संग के द्वारा ही प्राप्त होता हैक्योंकि सत्संग मिलेगा तो शद बुद्धी मिलेगी शद बुद्धी मिलेगी तो सत्कर्म करोगे शद करम करोगे तो आपका कीरती नाम यस तो होगा हीऔरऔर जब आपको सट्संग नहीं मिलेगा कुषंग मिलेगातो कुषंग से कुवध्धी पैदा होगीऔर कुवध्धी से कुकरम करोगेऔर कुकरम से तुम्हारा अपियस भैलेगाअप कीर्ती भैलेगीअपमान भैलेगातुम्हारा सम्मान नहीं भैल सकताहै. इसलिए कुसंग बहुत बिगाडता है. शंगत का प्रभाव. जैसे पानी. पानी तो पानी है. दूध कीशंगत में रख दो. दूध में मिला दो. पानी भी पचास रुपी लिटर विग जाता है. लेकिन वहीवही पानी जहां लग जाए तो गंदा करते हैं, और वही पानी साबून की संगत में कर दो, तो लगे वे चिखले को धोकर निकाल देता है, संगत बदल रहे हैं, वही पानी शकर की संगत पाता है, तो सरवत बन जाता है, और वही पानी चाय के संग में चाय बन जाता है,एक कप पानी, आधा कप पानीपांच रुपे का हो जाता हैऔर वही पानीगुरू के चिरनों की संगत पा जाएतो चिरना मृत बन जाता हैजिसको एक भून्द लोग पान कर लेता हैपानी नहीं बदला हैकेवल पानी का संग बदला हैऔर शंग बदलने से पानी का महत घट बढ़ हो गया हैपानी का प्रभाव बदल गया हैइसलिए तुम जैसी शंगत करते हो नाफिर वैशा प्रभाव बनता है तुमाराअभी तुम प्रधान मंतरी के साथ में खड़े हो जाओऔर दो तीन दिनों इसके साथ में इदर उदर जाओजो लोग टीवी में देखेंगे या बखबार में फोटो देखेंगे साथ मेंऔर लिख के आजाए कि प्रेमलाल शिनहा प्रधान मंतरी के साथ मेंपद यात्रा किया द्वारिकापुरी मेंपूरा हवाच उठ जाएगी इस छत्तिस गड़ मेंयहाँ प्रेमलाल शिनहा बहुत उचाई पर पहुँच गया हैप्रधान मंतरी के साथ साथ पद यात्राऔर यही प्रेमलाल शिनहाअगर गधों के पीछे पीछे चल दे फोटो छप कर आ जाएकि गधों के पीछे जा रहा हैलोग कहेंगे रे शिनहा इतना नीचे गिर गयागधों के पीछे जा रहा हैकिसके पीछे जाना है, किसके साथ जाना हैकिसके साथ रहना है, किसकी संगत करना हैयह फैसला आपको करना हैऔर ये फैंसला अगर सही ढंग से करना आ गयातो आपकी जिन्दगी चार चांद बन जाएगीसाहिब बंदगी बोलोथोड़ा हशना भी हैसीरियस मत रहनाज़्यादा सीरियस बेटने से नींद आ जाती हैतुम सो जाओगे तो हम क्या करेंगेऔर हम सो जाएगे तो तुम क्या करोगेइसलिए दोनों हस्ते रहोन तुम सो न हम सोए न सो न सोने दोजागते रहोउत्तिष्ठित जागरत प्राप्य वरान निबोधतकठोक निश्चत का रिशी कहता है उठोगलत लोगे की संक्षेत में तुम बैठ हो यहाँ से उठोमात्कीरत गत घोति भलाईगती कहते है सद्गती को सद्गती कहते हैमुक्ती को मुक्ती कहते मौच को मौच कहते है निर्वाणकोसत्संग के द्वारा ही मुक्ति प्राप्त होती है, मुच्य की प्राप्ती होती है, भूत भूति माने धन, दौलत, संपति और सत्संग के द्वारा ही मुनुषि धनवान बनता है,अधिक कुषंग अगर पड़ गया, तो जो धन है, वो भी राख हो जाएगा, ये रावण के बास में जो सोने की लंका थी, ये संकर भगवान ने बनाया था, सोने की लंका, सोने का महल, रावण ने प्रशाद में माँग लिया था, कि प्रभू हमको दे दो,तो संकर जी ने दे दिया था, उसी दिन से संकर जी का नाम भोला बाबा हो गया था, उनकी पतनी ने बहुत डाटा भी होगा, इतने भोले भाले हो दे दिया सोने की लंका, अरे बोले क्या फर्क है,जो आदमी बिना सोचे बिचारे सब दे देतो उसको लोग कहते है बहुत भोला है नहींये भोला बाबा हैतभी से नाम पढ़ा भोलाअगर भोला बनना हैतो सब दे दो जिसको देना हैऔर बम भोला बनना हैतो फिर देबम भोलाडम डम भोलाडमरूवाले भोलालेकिनरावण को सतसंग नहीं मिला हैकुसंग मिलाऔर कुसंग के कारणरावण सोने की लंकाको बचा नहीं पायाबनाया तो था ही नहीं पर बचा भीनहीं पाया तो सोने की लंकाराक हो गए याद रखनाकुसंग की आगआग तुम्हारी धन दौलत को इज्जत को भी राख करने वाली आग है इसलिए कुशंगत की आग से बचो सत्संग के शागरमें डुबकी लगाओ ताकि तुम्हारा उत्थान भी हो अब ताजे उदाहरण देख लो विजयमालिया का अरे किसी का देख लोकि विजयमालिया के पास में इतना धन था कि उनके हवाई-जहाज चलते थे कि कि फ्रीस कि हवाई-जहाज की कंपनीथी उनकी मैं उनके हवाई-जहाज में बहुत पहली चुका है में सबसे सुंदर हवाई-जहाज उनका था एक नहीं50 हवाई जहाद स्प्राज नहीं सव भी होंगे बहुत बड़ी हस्ती जिसके सव सव हवाई जहाद चलेंतुम्हारे दो बोलेरो चल जाए तब तो ऐंठ आ जाती है जिसके पास दो-दो बोलेरो है तब फिर वह किसी सेबोलता नहीं क्योंकि बोले रो अब क्यों बोले हिंकार कर जाता हैकि इसलिए रादशाम रावेन में लिखा हैकि जब तक मनोशि निर्धन रहता तब तक उत्तपात नहीं करता तब तक उत्तपात नहीं करता तब तक उत्तपाततब तक उत पात नहीं करता धन्मान वही हो जाता है तब मुख से बात नहीं करताधन्मान वही हो जाता है तब मुख से बात नहीं करताजब तक मनुशी निर्धन रहता तब तक उत पात नहीं करताधन्मान वही हो जाता है तब मुख से बात नहीं करताधन्मान वही हो जाता है तब मुख से बात नहीं करताबिजेमालिया किंग फिसर हवाई जहाज कंपनी के मालिक कुषंगत में पड़ गई बुद्धी भ्रष्ट हो गई दुरबुद्धी आ गईखब शराब पीते थे और जो हवाई जहाज के अंदर लड़कियां सर्विश करती थी उनके साथ बेविचार करते थे वो बेविचार और शराब की आदत और कुकरम उनका पतन करता है और सभी हवाई जहाज बिग गई कंपनी ठप हो गईभारत देश छोड़ कर भाग जाना पड़ा इतना करजा लड़ गया कि दूसरे देश में छिप के बहना पड़ा ये दुर्दसा होअब इससे बड़ा जीता जागता उदारण कौन दे सकता कहां मिल सकता सब जानते हैं इसको जो नहीं जानता तो मैं जना दिया आज इसको जान जाओसत्संग तुम्हें राम बना देता है कुशंग तुमको रामण बना देता है