सत्गुरू मेरे सत्गुरू
सब पर किर्पा तुम्हारी प्रभू
सत्गुरू मेरे सत्गुरू
सब पर किर्पा तुम्हारी प्रभू
सत्गुरू मेरे सत्गुरू
सब पर किर्पा तुम्हारी प्रभू
सत्गुरू मेरे सत्गुरू सब पर किरपा तुमारे प्रभू
जीवन का तुम ही तो आधार हो तुम ही प्रभू मेरा संसार हो
भवसागर में है नईया मेरी तुम ही प्रभू इसकी पत्वार हो
सिमरन करूँ
हर पल मैं तेरा ही सिमरन करूँ
सत्गुरू मेरे सत्गुरू सब पर किरपा तुमारे प्रभू
सत्गुरू मेरे सत्गुरू सब पर किरपा तुमारे प्रभू
सत्गुरू मेरे सत्गुरू सब पर किरपा तुमारे प्रभू
करके कृपा तुमने मुझे पे प्रभू दुखों से मुझे को बचाया है
बटक रहा था मैं दरवदर
कैसे करूँ ? कैसे करूँ ? शुक्र तुम्हारा मैं कैसे करूँ ?
कैसे करूँ ? कैसे करूँ ? शुक्र तुम्हारा मैं कैसे करूँ ?
सत्गुरू मेरे सत्गुरू सब पर किर्पा तुम्हारे प्रभू
सत्गुरू मेरे सत्गुरू सब पर किर्पा तुम्हारे प्रभू
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। हर एक जगा तू माझूद है। कड़ कड़ में तेरा प्रभू नूर है।
सुन्ता है मेरी हर बात को, कैसे कहूं मुझसे तू दूर है।
तेरा रहूं, तेरा रहूं, हर एक जणम में तेरा रहूं।
तेरा रहूं, तेरा रहूं,
हर एक जनम में मैं तेरा रहूँ
सत्व दुरू मेरे सत्व गुरू सब पर किर्पा तुम्हारे प्रभू
सत्व दुरू मेरे सत्व गुरू सब पर किर्पा तुम्हारे प्रभू
सत्व दुरू मेरे सत्व गुरू सब पर किर्पा तुम्हारे प्रभू
सत्व दुरू मेरे सत्व गुरू सब पर किर्पा तुम्हारे प्रभू