घारा में के करण खीसी हो
बोला तारुदा तवक पीसी हो
अरे घारा में के करण खीसी हो
बोला तारुदा तवक पीसी हो
नाँ पूर खुश कान आखियां पर
जागे राज
और सुने सांसुजी के बोली हमारा गोली जैसे जागे राज
नौनौं तीन के कहिद हमारा नौजरी से भागे राज
सबजी बनाई तो पसान नहीं पोरे राज जी
आसान भर से कुछ नहीं बोला तारुदा राज जी
अब काखा कहीं
पसान नहीं हो खाँफ
गुशा के रणियार खाँफ
जाज़ देवाना मुवाना अटपट बोले तोभे खाना मागे लागे
अगर आपको प्रश्च बोले जाएँ तो पसान नहीं बोले जाएँ
बड़ दे आगे खाना खोजा रोजे रोजे आगे लागे