मुझ्रे में एक ही या दोशी है आदा
वो इश्क का महरा या हुसन का प्यादा
फेर इसते तो लाओ भाई करें पता
बनदे हुसनने मारें या इश्कने ज़ादा
छुलेंगे रस्तां जा दुखता ना दिल हो
पत्थरी धड़के हम इतने जाहिल हो
फिर गोते लगाएं हम पागल थोड़ी भाई दरदे दरी अगर बिन साहिल हो
छुलेंगे रस्तां जा रोए नहीं छुलेंगे जा तुमको खोए नहीं
छुलेंगे रातें वो सारी की सारी जा दर्दो बुलाने को सोई नहीं
वो पल भी था सची कितना हसी
जब लडने को कहते थे अब बा कटी
एर रिष्टो तुम जाके बच्चों से सीखो
सच कहती थी मा मैं फ़रिश्टा तभी तो
रूटना मनाना सब कुछ सचा था
प्यार बचा था जब मैं बच्चा था
वो गया कहा मैं ढूंडू यहां मैं ढूंडू वहां
तुझ में भी कहीं पे वो दिक्ता नहीं
बज़ारों में शायद वो बिक्ता कहीं
क्यों बने हम जहीर तेरे
जब रिष्टा निभाना तेरे बस का नहीं
महबब्बत के बदले यारी
जाना मेरा इश्क इतना सस्ता नहीं
मुझ्रे में एक ही या दोशी है आदा
वो इश्क का महरा या हुसन का प्यादा
फेर इस्ते तो लाओ भाई करे पता
बन दे हुसन ने मारे या इश्क ने ज़दा
छुलेंगे रस्तां जा दुखता ना दिल हो
माँ में फ़ेरिश्टा तब ही तो रूट ना मनाना
वो बिकता कहीं होता ना ऐसा अगर जाने
जाना तो बातें ये शायद मैं लिखता नहीं।