शर्कता साड़ी हम्राँ पतरी कमर्यासे अबना पहीराँ
देखी न बताओ तेनी कोई से भाव में
शर्कता साड़ी हम्राँ पतरी कमर्यासे अबना पहीराँ
एजी अब ना पही राम जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
सरिकोता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
और पहातेरी कहाँ
दूर हाली कौरी सिलकम साड़ी मोन नजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
अपना स्वाहिला
आओ कहा तरी
नै हरक के साया साडी हो गई खराब जी
हो गई खराब जी
पेनी जब पुरान हमरा आवेला सराम जी
नै हरक के साया साडी हो गई खराब जी
पेनी जब पुरान हमरा आवेला सराम जी
पेनी जब पुरान हमरा आवेला सराम जी
तौनी को नयाडे दिल पर सरके पजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
सरको ता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही राम
सरको ता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही राम
सरको ता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही राम
जाके लाई दोसर बजरिया से अपना पहीरा