शर्कता साड़ी हम्राँ पतरी कमर्यासे अबना पहीराँदेखी न बताओ तेनी कोई से भाव मेंशर्कता साड़ी हम्राँ पतरी कमर्यासे अबना पहीराँएजी अब ना पही राम जाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामसरिकोता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामऔर पहातेरी कहाँदूर हाली कौरी सिलकम साड़ी मोन नजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामअपना स्वाहिलाआओ कहा तरीनै हरक के साया साडी हो गई खराब जीहो गई खराब जीपेनी जब पुरान हमरा आवेला सराम जीनै हरक के साया साडी हो गई खराब जीपेनी जब पुरान हमरा आवेला सराम जीपेनी जब पुरान हमरा आवेला सराम जीतौनी को नयाडे दिल पर सरके पजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामसरको ता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही रामसरको ता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही रामसरको ता साड़ी हमरा पतरी कमरिया से अब ना पही रामजाके लाई दो सर बजरिया से अब ना पही रामजाके लाई दोसर बजरिया से अपना पहीरा