चाड़ल ज़्यावानी हो रस्वास भार
काये ही आमर
पीछे तुपार
ये गी
दिलाग
पौपला कोई
चरे नहीं देमो तोरा के घासी रे
काहे को रही जना ताइंपासी रे
धाग्या जान मारो छोड़ी तोरे छाची पर क्या लागे है
साड़ी पिनी नी लागे ही यही पकाजे लागे है
साड़ी पिनी नी लागे ही यही जमुझी लागे है