सरे जग का पालन हारे बाबा खोली बारो
अरे यूत सारे जग का पालन हारे बाबा खोली बारो
ओ नीले घोडे की
असवारी जिनको कहते मोहन मुरारी नीले घोडे
की असवारी जिनको कहते मोहन मुरारी दुनिया
करती जै जै कार है जग का उजियारो
जो कोई दोजी भरे है इनकी किच्छा पूरी हो जा मन की
पापन को तुम खोज मिताते धर्मन को तुम गले लगाते
करे खजान तेरी कविताई क्रोडी लिखते रोज बढाई गई सुक चन्दने सोच विदारे
म्यों जिक्सक संग्वारो यूसे
पोपालने हारे बाबा उडी बारो