एयो वसाब लशकरी है क्यामा देखना टीवी पे कितना हाट दिख रहा हूँऔर इनको लगता मैं चिर्रा के तरह हूँइनको लगता की मैं फ्लोस, बोकेट, बास लिखता हूँपर मैं किताब लिखता हूँ, लिखने मैं पाप जितना हूँअंदर भू कितनी है पुरा पहार निप्टा दू मुझे बाजार की समझ मैं व्यपार सिखता हूँआसू देने बाला शायसे समंदर लेके बैठा मां को बुरा लगता है जब मैं लच्छार दिखता हूँगाड़ी चलानी आती नहीं मुझे खड़ चलाना आता है फिर मिडल क्लास लड़का एक दिन सलसला ले आता है जीत का एसासी सर दबाते जाता है रॉंग्टे खड़े गला भारी हर जगा पेचारा मैंबुरा देखा बुरा सुना बुरा किया नहीं काफी रुआ मां की दुआ तभी रुका नहीं जितना लिया दुगना दिया किया गुणा नहीं सभी का प्यार सबके बिना हुआ पुरा नहींबुरा देखा बुरा सुना बुरा किया नहींकाफी रूआ माँ की दूआ तभी रुका नहींजितना लिया दुगना दिया किया गुना नहींसबी का प्यार सबके बिना हुआ पूरा नहींकाफी बदल सा गया था मेरा हीभटक सा गया था में हाँ जीअब सब कुछ ही कदमों में हैहो रहा है सुनी पढ़ी थी निकाहेशिखर पे अड़ी थी पर बावेअब लगता हम सपनों में हैया या या देना है साथ तो फिर साथ देना फलक तक कामेरी हर पात पे ना मुस्कुरा और पलक जपकामा बोली अब तेरा रवया थोड़ा अलग लगताखेर मा तो मा है उससे अच्छा कोई नहीं समझ सकताघर से दूर रेके सब के दिल में घर कियाअदा काई ठीक नहीं पर अदा मैंने फर्स कियादिल में बसा इश्वर मी तो मंदिर मची चर्च कियादुनिया की नजरों में रोने वाला व्यक्ति मर्थ कियावो नमक लेके आए सारे बरफ की जगाहमने बोस्ट समझाया और उन में तरक नहीं बचातूने जूटी गस्में खाली अपने माँबाब कीफिर मेरे भाई तेरे गलत में कुछ गलत नहीं बचामुझे मूवी देखना पसंद नहीं मैं खुद की बना रहा हूँबोले शोरत पे साथ दल दले तो मैं टूप की लगा रहा हूँकभी देली कभी कोटा कभी रूड की मचा रहा हूँम्यूजिक मुझे बना ताया ना कि मैं म्यूजिक बना रहा हूँपढ़ने की उमर मेरा हाप छूडिया था भेज सब कुछ खो दिया बजा है केबल सूई दागा शेशमंदिल के पीछ के लिए दूरिया समेट अब मैं इतना हूँ जरूरी जैसे सूर्या का केचगुरा देखा बुरा सूना बुरा किया नहीं काफी रूहा मां की दूआ तब रुका नहीं जितना लिया दुगना दिया किया गुना नहीं सभी का प्यार सबके बिना हुआ पूरा नहींबुरा देखा, बुरा सुना, बुरा किया नहींकाफी रुआ, मा की दूआ, तभी रुका नहींजितना लिया, दुबना दिया किया, गुना नहींसबी का प्यार, सबके बिना हुआ, पुरा नहींकाफी बदल सा गया था में राहीभटक सा गया था में हाजीअब सब कुछ ये कदमों में हैहो राहे सूनी पड़ी थी निकाहेचेकर पेड़ी थी परबावेअब लगता हम सपनों में है