सांबल्या से हमरी नहीं बनी थे
सांबल्या से हमरी नहीं बनी थे
बस एक बार चर्णों में पिछले की का दा
बस एक बार चर्णों में पिछले की का दा
मैं लोबार सिया के पैयां पड़ी जैसाम याद सेहरी नाही बनी जैसा
मैं उचडी भी सबदी भी बिगडी पनी भी
के बाउने जैसे वैसे सही दे
के बाउने जैसे वैसे सही दे
पसीजे किसी बात से भी न साज़
पसीजे किसी बात से भी न साज़
मैं रुई, मैं तड़के, मैं रुची, मनीजे
मैं रुई, मैं तड़के, मैं रुची, मनीजे
वो कैशे मुझे अपने मन में बसाते
वो कैशे मुझे अपने मन में बसाते
वो कैशे मुझे अपने मन में बसाते
वो कैशे मुझे अपने मन में बसाते
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