वम संतोष पागल नाई
रोज हम के ओई कोता का ठीक बारा काता है ना साम्हा रोके रोकी है
तो रभातार जूठा चाता ना साम्हा रोके रोकी है
तो रभातार जूठा चाता ना साम्हा रोके रोकी है
डेखे लाए कमुह ना सून और बॉना कारुवाता ना
देखे लाइक मुह ना सून और दोना तारू आता ना समारे के रोखोने
हामर भतार ना जुठ चाटा ना समारे के रोखोने
गम संतोष पागल नाई
हामर भतार ना जुठ चाटा ना समारे के रोखोने
गम संतोष पागल ना जुठ चाटा ना समारे के रोखोने
पर आती हो मोरे से फुरसत नहीं खे जो तस रोजे पर आती दोरों लागे हमारा को मुख आता है ना घाता है ना साम्हारों के रोखी है
दोरों लागे हमारा को मुख आता है ना घाता है ना साम्हारों के रोखी है
तोरा भातार जूठ हो चाता ना साम्हारी के रोखी है
हमारा भातार ना जूठ चाता ना साम्हारी के रोखोनी
बी गडब मोरद तोरों
कोर पिसावा सरे
हम के पनावे के चाहो ताखा सरे
साफा संतोज पागल है
वम संतोज पागल नाई
जूठे यो छरों ना लगाओ तेछी हो तरी
बोले निये खड़ा हो
जूठे बाड़ी ते बुझा गोल सतो भो तरी
रोण जीत तो जीती सीधा नहोगे
सोचो तारे जाता ना साह्मारो के रोखी है
मनू भी जेन दोर सीधा ना होगे
सोचो तारे जाता ना साह्मारो के रोखी है
तोर भातार जूठा जाता ना
साँभारो के रोखी है
भामर भातार ना जूठ चाता ना
संभारी के रखानी
हमना सिनिमन तहीं बड़े जी तूरा फिरा में लगी
वम्संतोस पागल नाई