भोल कर भी
आग में आपके हाथ
प्रवेश कर जाये
तो भी हाथ जल जाते हैं।
जान बोज कर आग में हाथ डालो तो भी हाथ जल जाते हैं।
भोल कर कुशंग में जाओगे
तो भी बुराई का दाग लग जाएगा।
शंग का कितना फल है। चूले पर रखा हुआ गरम तावा उसपर पानी की बूंद डालो
वो बूंद जल कर भाप बन कर मिट जाती है।
और वही पानी की बूंद कमल के फूल के पंखुडी पर डालो
तो मोती जैसे चमकने लग जाती है।
और वही पानी की बूंद सीप के भीतर जब गिर जाती है
तो स्वयम मोती बन जाती है।
यह शंग का कितना बड़ा प्रभाव है। इसलिए कवीर शाहब कहते हैं
सत संगत से सुख उपजे कुशंगत से दुख होई
कहें कवीर तह जाए जहां अपनी शंगत होई।
जहां पर तुम्हारी आत्मा को शांती मिल गई है।
जिस संगत में आत्म कल्यान है वहां पर जाए जाए।
सानन्दम् शदनम् सुतास्त सुध्या
कान्ता प्रियलापिड़ी।
वह घर आननद से भर जाता है। दुसरा लच्छन जिस घर की इस्त्रियां
बहुत प्रेम से मधुरू बोलती है।
कान्ता माने इस्त्री होता है। जिस घर की इस्त्रियां प्रेम
की बाणी बोलती है। उस घर के पुरुषों को बीमारी कमाती है।
और जिस घर के पुरुष चिरित्रवान हैं,
नसा वेसन से मुक्त हैं,
उस घर के पुरुषों में
भक्ती और भाव है,
उस घर की इस्त्रियों को
कभी दुख नहीं होता है।
पती और पत्नी का रिष्ता
ऐसा रिष्ता है,
एक की गल्ती दूसरे को दुख देती है। दूसरे की गल्ती
एक दूसरे को
चिन्ता में डाल देती है।
इसलिए जिन इस्त्रियों को पती चिरित्रवान मिला है,
गुडवान पती मिला है,
महान पती मिला है,
वो इस्त्रियां हमेशा मुषकान की जिन्दगी जीती हैं।
और जिनका पती लफंगा है,
वो इस्त्रियां चिन्ता में रहती हैं। इसका
कुछ पता ठकाना नहीं है। कहां कहां घोमता है,
बवडम पती है। ज़्यादातर इस्त्रियों को बवडम पती मिला है।
बांगडू,
कंट्रोल से बाहर है। नहीं, नहीं।
सीता जी राम के साथ क्यों खुश रहती हैं।
बनवास के दुखों को भोगने के बाद भी
सीता को राम के संग में अच्छा लगता है।
जिस घर के इस्त्रियां प्रेम से बोलती हैं,
उस घर में आननद रहता है। वो घर धन्य है।
इच्छा पूर्ती धनम है। और जिसके घर में
आशक्ताओं को पुर्ण करने भर का धन भी है।
धन,
जिसके घर में धन की कमी है,
उसके घर में भी टेंशन बहुत रहती है।
इसलिए धनवान भी बनो।
और गुडवान भी बनो। मानुश तेरा गुण बड़ा। मानस
ना वै काज। हान न होते या भरण। तो चान बाजन पाच।
कवीर साहेव कहते हैं, है मनुश,
तेरा बड़पन तेरे गुणों के कारण है।
तेरे गुण तुझ को बड़ा बनाते हैं।
हर साबुन का नाम साबुन है,
लेकिन हर साबुन के रेट में, कॉलिटी में अंतर है।
जो साबुन सुपर ग्रेट की है,
आठ सर उपे की भी मिलती है।
और साबुन में ख्वस्बू आती है।
एक वो भी साबुन है,
लाइफ बोई है जहां तनदरशती है वहाँ।
इसा कमपणियों के डाइलाक है,
लोग भोल जाते हैं।
और विदेशों में लाइफ बॉय शाबुन केवल कुट्टों के लगाई जाते हैं,
आदमी लगाता ही नहीं।
और हिंदुस्तान के लोग तन्दुरुष्टी पाने के
लिए कुट्टों वाली शाबुन अपने लगाते हैं।
कि लाइफ बॉय है जहाँ,
तन्दुरुष्टी है यहाँ।
शाबुन भी कम से कम लगाई है।
शाबुन के लिए शुंदर्ता तुम्हारी कलाओं से,
योगिताओं से,
गुणों से है।
सरीर की शुंदर्ता टेमप्रेरी है।
40 साल की उम्र के बाद सरीर की शुंदर्ता
धीरे धीरे घटना शुरू हो जाते हैं।
40 साल की उम्र के बाद कितना ही क्रेम पाउडर लगाई ये,
लिपिस्टिक लगाई ये,
ये लगाई ये,
वो लगाई ये,
लेकिन सरीर की शुंदर्ता धीरे धीरे घटना होने लगती है।
सरीर शुंदर कम हो कोई बात नहीं।
भारत देश का जन्म हुआ जगदीप सिंग सरदार। विश्व का एक नंबर
का CEO है और बहुत बड़ी कंपनी का वो नेट्रत करता है बड़ी-बड़ी
कंपनियों का और शकल सूरत बिलकुल ओसामा बिल लादन जैसी है।
लेकिन बुद्धिमान इतना है एक दिन का उसका वेतन अड़ातालिष करोड मुट्या है।
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