ये सोचा था मैंने कि तेरा ही बन के रहूँ
ये क्या हो गया है बिखर सा गया है जुनू
हाथों में तेरे लिखा नाम एक अजनबी का
सामने वो खड़ा है किनारा मेरी जिन्दगी का
जाने एक खुदा ही है दिल में तू समाई है
खुदा तुछ से क्या मैं मांगलू
थोड़ी सी रुसवाई है थोड़ा घम जुदाई है
खुदा तुछ से क्या मैं मांगलू
क्या कहेगा जमाना हम सफर था या बहाना
जीत जाए दुआए बस ये दुआ है मेरी
तू भी अकेला है तनहा हूँ मैं भी यहाँ
ना जाने ये तनहाई ले जाएगी अपका
तू भी अकेला है तनहाई ले जाएगी अपका
तू भी अकेला है तनहाई ले जाएगी अपका
तू भी अकेला है तनहाई ले जाएगी अपका
तू भी अकेला है तनहाई ले जाएगी अपका