पारा मुर्चा माने
अरे का चाहिए?
पोड़ी की दारू बिनाए
हटावा दारू पीए तू उठवा के पढ़नी
छोड़ा राजा गाजायब समारा मुर्चा माने
छोड़ा राजा गाजायब समारा मुर्चा माने
छोड़ा राजा गाजायब समारा मुर्चा माने
जूज़ाताने बेट पे मुर्गू जपर सानी
जूज़ाताने बेट पे मुर्गू जपर सानी
छोड़ा राजा गाजायब
समारा मुर्चा माने
छोड़ा राजा गाजायब समारा मुर्चा माने
जब सबक है न पूरा वेके डोहे तल है
लोकाई के
हमरा गाड़ा लाके तमाद दनानु बहुलो काई के
छोड़ा राजा गाजायब समारा मुर्चा माने