समधी का खुले गया पोल, बाब दुलाहा का भड़ुआ है
सुना समधी भड़ुआ, अपने बहिनी के बजवाए खुल, बाब दुलाहा का भड़ुआ है
दुलहा के बूआ ऐसन भड़ुरिया, जुलना जुलाए भीन रसरिया
फुल के पेटवा भाईल बागोल, दुलहा के कुफा भड़ुआ है
दुलहा के मौसी से मुझ्रा कराए, दुलहा के चाची ताली बजाए
करे चिनरी जावनिया के मोल, दुलहा के मौसा भड़ुआ है
दुलहा के मईया के नईया पुराली, दुलहा के मामी बड़ी मस्ताली
दोनों चिनरी बड़ी अने मोल, दोनों चिनरी बड़ी अने मोल, दुलहा के मामा भड़ुआ है