संधन है गरबदकार उस मकार के सदके
संधन के सब घरबार और परवार के सदके
मुख्या और चोकीदार मुश्ची थानेदार
कैसे कैसे ताके यार उसके बांके
ओतवाल इंस्पेक्टर स्पी कलेक्टर
है बड़ी हरजाई फास थो भी नाई
तु है संधन नामी हर जगा बदनामी
दिल से बोजी से चाती मैं उस यार के सदके
संधन के सब घरवार और परवार के सदके
खाती खकडी मूली फिरती फूली फूली
हो गई मुस्टंडी खाके लोकी भिंडी
ठाट है अलबेला रंडी खाती केला
शर्म रंडी फिरती फूली फूली
हो गई मुस्टंडी खाके लोकी भिंडी
ठाट है अलबेला रंडी खाती केला
शर्म रंडी न आई नाग सब की सडाई
उडद की दाल खाती पेट अपना फुलाती
संधन का पेट फूला मैं फुस्पार के सदके
संधन के सब घरवार और परवार के सदके
नितनयों को पकड़े भूणे तगडे तगडे
रड़ओं को सर्साए भूणों को रुलवाे
कान कुत रे भौणडे ताकती है लॉन्डे
लोंडों का मुक छूमे साथ ले कर गूमे
पकड़े क्वारों के पयल सबको करवाती सैर
संधन के समधी प्यार और बियहार के सदखे
संधन के सब घरबार और परवार के सदखे