आदर्णिये मेरे प्यारे भारतवासियों
आज आप देख रहे हैं
कि हमारे देश में
चारों तरफ
विष्टाचार का बोल बाला है
आतंकवाद का बोल बाला है
इसलिए
मैं इस बात के माध्यम से
अपने देशवासियों को
जागरत करना चाहूंगा
उनका आवान करना चाहूंगा
कि एक बार
सम मिल करके उठखड़े हो जाओ
और इस भारत देश को आज
हम सब युवाओं की जरूरत है
तो किस तरह इस बात में
लिखा है आईएगा सुनिएगा
आईएगा सुनिएगा
कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर दो कर �
कि कि
झाल
मैं मारत के वाश महाराराज पृजे शंत्र है वेदों के उपासक मारी संसकृति पवित्र
है रुषि और जी ने दे ऐसा हमारा चरित्र है कि partially आहारा मारा चरित्र है कि
कि जीएं और जीने दो यसा हमारा तरिक्र है
कभी भी इंसानियत से हमने रिष्टा तोड़ा नहीं
तच्चाई के रास्ते से हमने मुख खुमोड़ा नहीं
जिसने हमको छेड़ा पहले उसको हमने छोड़ा नहीं
जिसने हमको छेड़ा पहले उसको हमने छोड़ा नहीं
जानता ये जग सारा है
पड़े पड़े भूखारों का हमने मुमारा है
वो समय में फिर ललकारा है
वो समय में फिर ललकारा है
भारत की अखंडता को खंडत नहीं होने देंगे
आपस में फूट के बीज नहीं बोने देंगे
आजादी रूपी दौलत को हरग ज़ड़ नहीं खोने देंगे
आजादी रूपी दौलत को हरग ज़ड़ नहीं खोने देंगे
क्यों करते है बदवास आज कैरों के इशारों पर
गानत है ऐसे उन देश द्रोही कदारों पर
हम करे ना विस्वास कभी भूलकर मत्वारों पर
करे ना विस्वास कभी भूलकर मत्वारों पर
हुआ दिल दुखी हमारा है
हुआ दिल तुखी हमारा है एक जवाब देंगे पास हर से और नचारा है
वो समय में फिर ललकारा है
पहले ही हमारे नेता इस कल्टी को खाते ना
आज के या दिन कभी देखने में आते ना
मुठी वर ये लोग तभी शोर फिर मचाते ना
मुठी वर ये लोग तभी शोर फिर मचाते ना
अच्छी तरह हमने इनकी नियत को पहचाना है कस्मीर का ये फैसला तो जूता सा बहाना है
सिर्फ इनका एक खालिस्तान ही निशाना है
साफ गैरों का इशारा है
खुल्ला में खुल्ला पाकिस्तानी नाच लचारा है
समय ने फिर ललकारा है
आदर्डिया भाई दाम निवासी तवर जिला पारसत पलवल
हमारी पार्टी का लचारा है
देश को जरूरत है मजबूत करन धारों की
देश को जरूरत है पटेल के सरदारों की
देश को जरूरत नहीं इन फिल्मी सितारों की
देश को जरूरत नहीं इन फिल्मी सितारों की
ये कुर्सी के पुजारी अपनी कुर्सी को बचाते रहेंगे
ये कर दिया वो कर देंगे सोर नया मचाते रहेंगे
उधर बेगुना होका खून वो बहाते रहेंगे
हुआ बड़ा खत्रा भारा है
खत्रा भारा है खैम सिंह कही देश का ना हो जाए बट्टारा है
ओ समय ने फिर ललकारा है दिल्धरम द्रोयां से लड़ना अपना नारा है
ओ समय ने फिर ललकारा है