सामा के आगाम नहीं रासो हावन
चाहल पाहल बारी गेलै घोर अंगना
कार्तिक पावन मास उलासत
कार्तिक पावन मास उलासत
कार्तिक पावन मास उलासत
भाईया के हे तू करे मंगल कामना
हती ते खेलाई ते बितल दीन चलली
सामा त्रिसित सून के ने घार अंगना
सामा त्रिसित सून के ने घार अंगना
जाई छीता जाओ सामा संगेचा के बाहे
पुनाह आयाब अगिला बेर आहा अहीना
पुनाह आयाब अगिला बेर आहा अहीना
पुनाह अगिला बेर आहा अहीना