सखी शेजारिनी तू हसत रहा स्यात पड़े गुम्खीत रहा
सखी शेजारिनी तू हसत रहा स्यात पड़े गुम्खीत रहा
सखी शेजारिनी
तीर्घ पदारिनी
तीर्घ पदारिनी
तू जीवन स्वपने रचीत रहा, आस्यात पड़े गुम्फीत रहा, सखीशे गारिनी।
सहज मधुरतू हसता वलूनी, स्मित किरणी धरिक्षिति जदोलूनी।
विशाद मनिचा जायः उजलूनी।
तू विजखिन घनिलवत रहा, आस्यात पड़े गुम्फीत रहा, सखीशे गारिनी।
मुकजिथे स्वरगीत हो।
तसे हास्यमधुरत वतिथे स्कुरत से।
मुकजिथे स्वरगीत हो।
तसे हास्यमधुरत वतिथे स्कुरत से।
जीवन नात जात ये तसे।
जीवन नात जात ये तसे।
स्मित चाय क्या सबान्दू नपहा हास्यात परे गुम्फीत रहा सखीशे जारिनी तू हसत रहा हसत रहा हास्यात परे गुम्फीत रहा सखीशे जारिनी
सबान्दू नपहा हास्यात परे गुम्फीत रहा हास्यात परे गुम्फीत रहा हास्यात
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật