माला काड़हो गया जवाग कामाला काड़ दास की मांतेल ते कदोंदा मेरा देल सालियेकिते सज़री मशूक मांगू मेल सालियेरखदा नहीं हुँता हक कोई भी किसीदाकुली तके नाल मार के चमुट जीजियाहो गया में गणशिज जदो गुट जीजियाकदोंदा ते किने होवे मेल कली हूरदाइसे तरह रहा मैं बथेरा तीरर छूरदाखुलना जेहे छेरे उठे जरे आने जानदा कालाबेके तरम नाल तेल साली येकित सज़री मशूक मांगू मिल साली येकैना प्या होड वे खीर पला हार के वेख लेंदा पिला हित राही जीता मारखेचेति कार पहुर दा खियाल डुब जानी है नी हो जा कित जीज़े दे आल डुब जानी हैगाग जान तो कुड़ी हुन दी आशकानी जात मुक जावे जगमां दी होवे गिल साली येकित सज़री मशूक मांगूं मिल साली येबज़दी न केंदे आई चान थिले खिल वे रोकदी न साली तेरी अपनी हटिल वेभग तेरी वाली आए हाग मा शिकीना भग तेरी वाली आए हाग मा ले ही तुजो पतलो बहादी विच कुट जीज़िया हो गिया में गान शेच जिदो कुट जीज़ियाकित सज़री मशूक मांगूं मिल साली ये