दर्बदर मैं भटकू
याइसे भी घर कोई परिंदा
धडपो याद मैं तेरी
मैं बस तेरे इश्क में जिन्दा
इंतजार में तेरे ना ख़त्म कही हो जाऊँ
खुद मिट मिटा के मैं तुझको अब सबसे छीन के लाऊँ
यादों में तेरी है कितनी राते जागे
सजन बिन दिल ना लागे
इस दिल की तुम जरूरत हो दर्दे दिल की तुम मेरी राहत हो
दिल रो रो तुझको पुकारे अब किस से शिकायत हो
तुझको पाने के खातेर अब सबसे बगावत हो
कितना रोका मैंने टोका पर ये तेरे पीछे भागे
सजन बिन दिल ना लागे
ज़र मैं भटकूं जैसे भी घर कोई परिंदा
भडपू याद मैं तेरी मैं बस तेरे इशक में जिन्दा
इंतजार में तेरे ना खत्म कही हो जाऊँ
सजन बिन दिल ना लागे